Edited By shahil sharma, Updated: 19 Mar, 2021 01:10 PM
इंदौर में तेंदुए के हमले के बाद 11 माह की बच्ची ने अस्पताल में 9 दिन के बाद दम तोड़ दिया। तेंदुए को वन विभाग ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया। बच्ची समेत तेंदुए ने चार लोगों पर 11 मार्च को हमला किया था।
इंदौर (सचिन बहरानी): MP के इंदौर में 10 और 11 मार्च को जमकर उत्पाद मचाने वाला तेंदुआ भले ही रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया गया हो, लेकिन 11 मार्च को वन विभाग की पकड़ में आने से पहले तेंदुए ने 4 लोगों पर हमला कर उन्हें घायल किया था।
हमले में एक महिला-पुरूष के साथ ही तेंदुए के निशाने पर 11 माह की मासूम भी आ गई थी। वहीं तेंदुए ने वन विभाग के कर्मचारी प्रकाश पर भी हमला किया था। तेंदुए के हमले में सभी लोगों को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल भेज दिया गया था, जहां गुरुवार रात को 11 माह की मासूम बच्ची की मौत हो गई।
मासूम का नाम भूमिका बताया जा रहा है। गुरुवार रात को तीन बजे मासूम ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। डॉक्टरों के मुताबिक भूमिका की आंत में इंफेक्शन हो गया था। बता दें कि चोइथराम अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। ऑपरेशन के बाद उसके स्वस्थ होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन बच्ची बच नहीं पाई।
बता दें कि खंडवा रोड स्थित रानीबाग लिम्बोदी में 10 मार्च को तेंदुआ एक फार्म हाउस में दिखा था। उस दिन रात में सर्च ऑपरेशन चला था, लेकिन अगले दिन सुबह तेंदुआ रानी बाग से शिवधाम कालोनी तक पहुंच गया और वहां उसने आदमखोर रुख अख्तियार कर लिया।
तेंदुए ने निर्माणाधीन भवन में घुसने से पहले आरती नामक महिला और उसकी 11 माह की बच्ची पर हमला किया। हमले में मां-बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। हाल ही में तेंदुए को जंगल में छोड़ दिया गया है। विशेषज्ञों की माने तो तेंदुए भूखा था। खाने की तलाश में तेंदुआ शहर की तरफ आया और उसने लोगों पर हमला किया।