Edited By suman, Updated: 01 Sep, 2018 11:38 AM
महिला अपराधों को लेकर जिले के अधिकारियों की लापरवाही का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले डेढ़ वर्ष में दर्ज 1214 आपराधिक प्रकरणों में 350 प्रकरणों में चालान ही पेश नहीं किया गया है। यह खुलासा महिला अपराध एडीजी अन्वेष मंगलम की समीक्षा के दौरान हुआ...
इंदौर : महिला अपराधों को लेकर जिले के अधिकारियों की लापरवाही का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले डेढ़ वर्ष में दर्ज 1214 आपराधिक प्रकरणों में 350 प्रकरणों में चालान ही पेश नहीं किया गया है। यह खुलासा महिला अपराध एडीजी अन्वेष मंगलम की समीक्षा के दौरान हुआ है। नाराज़ ADG ने सभी एसपी को फटकार लगाई और कहा कि लापरवाही पर सीधे एसपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई को लेकर उन्होंने जिले के सभी अफसरों को तलब किया है। उन्होंने छेड़छाड़, दुष्कर्म, अपहरण और पॉक्सो एक्ट में दर्ज प्रकरणों का ब्योरा मांगा है। जिले से मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 व 2018 में दर्ज प्रकरणों में से 350 केस जांच के अभाव में लंबित पड़े हुए हैं। जबकि 25 प्रकरणों का फैसला आया जिसमें 22 को सजा और 3 आरोपी बरी हो गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि 2 महीने में विवेचना पूर्ण कर चालान पेश होना चाहिए।
गंभीर मामलों की जांच के लिए किया जाएगा SIT का गठन
ADG ने स्पष्ट किया कि महिलाओं से संबंधित अपराधों की एसपी स्वयं समीक्षा करेंगे। चालान में देरी, आरोपी के बरी होने और विवेचना में लापरवाही पाए जाने पर अब एसपी को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा। DIG (महिला अपराध) गौरव राजपूत के अनुसार गंभीर मामलों की जांच के लिए SIT का गठन किया जाएगा। महिला अपराधों की विवेचना में गति लाने और अपराधियों को सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। लंबित अपराधों की भी जानकारी मांगी गई है।