Edited By Vikas kumar, Updated: 14 Jan, 2019 12:06 PM
5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को कीचड़ वाले पानी से नहाना पड़ा था। इस लापरवाही को सीएम कमलनाथ ने गंभीरता से लेते हुए संभागायु...
उज्जैन: 5 जनवरी को शनिश्चरी अमावस्या पर शिप्रा में पर्याप्त पानी नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को कीचड़ वाले पानी से नहाना पड़ा था। इस लापरवाही को सीएम कमलनाथ ने गंभीरता से लेते हुए संभागायुक्त और कलेक्टर पर कार्रवाई की। इस घटना से सबक लेते हुए नए अफसरों ने आठ दिन में शिप्रा और घाटों की तस्वीर बदल दी।
यहां मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी को है, लेकिन इससे पहले ही रविवार को सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गईं हैं। इस समय नदी में साफ और पर्याप्त पानी, फव्वारे, लाइटिंग, साफ-सफाई ने ढाई साल पहले हुए सिंहस्थ-2016 की याद दिला दी है।
शनिवार को देवास बैराज के सभी 11 गेट खोलकर नर्मदा का पानी छोड़ा गया था, जो रविवार को उज्जैन पहुंच गया था। रविवार को खुद प्रदेश के प्रमुख सचिव एस आर मोहंती ने उज्जैन पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया। देवास बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से नदी में पानी लबालब हो गया है।