Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 22 Feb, 2019 06:16 PM
जिले के करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा स्थित चौरादादर गांव में करंट लगाकर बाघ का शिकार किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वनविभाग की टीम ने 8 शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया...
डिंडौरी: जिले के करंजिया वन परिक्षेत्र अंतर्गत मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा स्थित चौरादादर गांव में करंट लगाकर बाघ का शिकार किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वनविभाग की टीम ने 8 शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया तथा उनसे पूछताछ के आधार पर बाघ की खाल,पूंछ एवं पंजे भी बरामद किए।
जानकारी के अनुसार, 14 फ़रवरी वेलेंटाइन डे की रात आरोपियों ने जंगली जानवर के शिकार के लिए जंगल में करंट का जाल बिछाया था। जिसकी चपेट में आ जाने से बाघ की मौत हो गई। जिसके बाद शिकारी बाघ के खाल और पंजे काटकर अपने साथ ले गए और बाघ के अवशेष को जंगल में छोड़ गए। बाघ के अवशेष की बदबू से शिकार का खुलासा होना बताया जा रहा है। बाघ के शिकार की जानकारी लगते ही मंडला कान्हा टाईगर रिजर्व एवं छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाईगर रिजर्व के अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा डॉग स्कवायड की मदद से जांच की जा रही है।
बता दें कि, चौरादादर गांव से लगे जिस जंगल में बाघ का शिकार किया गया है वह इलाका कान्हा टाईगर रिजर्व और अचानकमार टाईगर रिजर्व का कारीडोर माना जाता है। जहां दोनों टाईगर रिजर्व के बाघ सहित अन्य वन्य प्राणी स्वछंद विचरण करते हैं लेकिन वन विभाग की निष्क्रियता के चलते यह इलाका शिकारियों का पिकनिक स्पॉट बन गया है।