Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 05 Nov, 2018 01:09 PM
टिकट वितरण को लेकर भाजपा के नाराज नेताओं में किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष दयाराम धाकड़ आजकल सर्खियों में हैं। धाकड़ के समर्थकों ने संगठन को 3 दिन का समय देते हुए नागदा-खाचरौद विधानसभा के टिकट में फेरबदल कर दयाराम धाकड़ को प्रत्याशी बनाने की मांग की है...
खाचरौद: टिकट वितरण को लेकर भाजपा के नाराज नेताओं में किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष दयाराम धाकड़ आजकल सर्खियों में हैं। धाकड़ के समर्थकों ने संगठन को 3 दिन का समय देते हुए नागदा-खाचरौद विधानसभा के टिकट में फेरबदल कर दयाराम धाकड़ को प्रत्याशी बनाने की मांग की है। टिकट वितरण में नदियां के इस पार खाचरौद क्षेत्र के पुराने नेताओं की अनदेखी के चलते भाजपा कार्यकर्त्ताओ में काफी जन-आक्रोश है।
वर्ष 2008 और 2013 में खाचरौद से प्रमुख दावेदार रहे भाजपा किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष दयाराम धाकड़ ने संगठन से टिकट की मांग की थी। धाकड़ ने चर्चा मे विधानसभा की वर्तमान स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया था। लेकिन एक बार फिर खाचरौद की अनदेखी की गई और कोई विकल्प न होने के कारण धाकड़ ने निर्दलीय चुनाव लडने का फैसला लिया है।
दरअसल, संगठन पर धाकड़ को भरोसा दिया था। उसके बाद ही दयाराम धाकड़ ने भाजपा के पक्ष में जनसंपर्क शुरू किया था। लेकिन पार्टी ने टिकट नागदा-खाचरौद से पुनः दिलीपसिंह शेखावत को दे दिया।
वे किसान नेता के रूप में किसान संघ के बाद भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए किसान की हक की लडाई लडने में हमेशा आगे रहे। दयाराम धाकड़ अगर निर्दलीय चुनाव मैदान मे उतरते है तो निश्चित रुप से भाजपा के प्रत्याशी के सामने चुनावी समय में संकट आने की प्रंबल संभावना है, वहीँ भाजपा को इस सीट पर नुकसान भी हो सकता है। इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर किसान नेता के रुप में अपनी पहचान रखने वाले धाकड़ निर्दलीय चुनाव मैदान उतरते हैं, तो रिकार्ड तोड़ मतों से अपनी जीत हासिल कर सकते हैं। जिसकी बड़ी वजह धाकड़ समाज का नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में उनका वोट बैंक है।130 ग्रामीण क्षेत्र खाचरौद तहसील में आते हैं जो कि नदियां के इस पार है।