बस में चलता फिरता अस्पताल, रे ऑफ होप संस्था की इस बस में छोटे ऑपरेशन से लेकर प्रसव कराने तक की व्यवस्था

Edited By Jagdev Singh, Updated: 23 Dec, 2019 03:13 PM

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मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रे ऑफ होप संस्था की बस एक ऐसा चलता फिरता अस्पताल है जो लोगों को कई प्रकार का इलाज मुहैया कराती है। यह कोई मामूली बस नहीं है। यह उन गांव वालों के लिए उम्मीद की किरण है, जहां अस्पताल नहीं है। डॉक्टर नहीं हैं। यह बस...

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रे ऑफ होप संस्था की बस एक ऐसा चलता फिरता अस्पताल है जो लोगों को कई प्रकार का इलाज मुहैया कराती है। यह कोई मामूली बस नहीं है। यह उन गांव वालों के लिए उम्मीद की किरण है, जहां अस्पताल नहीं है। डॉक्टर नहीं हैं। यह बस दुर्गम क्षेत्र में स्थित गांवों में पहुंचकर इलाज मुहैया कराती है। रे ऑफ होप संस्था की इस बस में छोटे ऑपरेशन से लेकर प्रसव कराने तक की व्यवस्था है।

दो ओपीडी, 2 मिनी ऑपरेशन थियेटर से लैस यह बस पूरी तरह से एयर कंडीशनर (एसी) है। इस बस को कोई भी संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर मेडिकल कैंप लगा सकती है। शिविर के लिए डॉक्टर और दवाइयां स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं। एक साल के अंदर 12 से अधिक स्वास्थ्य शिविर इस बस के माध्यम से लगाए जा चुके हैं।

कोई भी संस्था या व्यक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाना चाहता है तो वह इस बस का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए संस्था अथवा व्यक्ति को रे ऑफ होप को महज बस के डीजल का किराया एवं उनके स्टाफ का खाना खर्चा देना होगा।

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यह सुविधाएं हैं बस के अंदर

बस के अंदर 2 ओपीडी, 2 मिनी ऑपरेशन थियेटर, डॉक्टरों के बैठने की जगह, पैथोलॉजी लैब जिसमें 32 प्रकार की जांचें हो सकती हैं। दवाइयां रखने के लिए फ्रीज, बायो टायलेट और टीवी डिस्प्ले के लिए लगी हुई है।

सोलर पैनल से जुड़ी है बस

बस की छत पर सोलर पैनल लगा हुआ है। इसके कारण बस के अंदर ऑपरेशन अथवा ओपीडी के समय लाइट जाने की समस्या नहीं होती है।

सिंधिया और स्वास्थ्य मंत्री कर चुके हैं प्रशंसा

बस का शुभारंभ पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था। वहीं स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट भी बस की प्रशंसा कर चुके हैं। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने आदेश दिया था कि जब भी शिविर के लिए डॉक्टर और दवाइयों की जरूरत पड़ेगी इसकी व्यवस्था सीएमएचओ करेंगे। तभी से प्रत्येक शिविर में सीएमएचओ द्वारा व्यवस्था की जाती है। साथ ही कई बार प्राइवेट डॉक्टर भी इन शिविरों में भाग लेते हैं।

इनका कहना है

बस को लगभग एक वर्ष हो चुका है। अभी तक लगभग 12 शिविर लगाए जा चुके हैं। यह बस ग्रामीण क्षेत्रों के लिए काफी उपयोगी है। क्योंकि इसके अंदर सभी सुविधाएं हैं जिसके कारण डॉक्टर आसानी से काफी देर तक मरीजों का उपचार कर सकते हैं।

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