Edited By Vikas kumar, Updated: 29 Aug, 2019 05:27 PM
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में हुए व्यापम घोटाले की जांच करवाएंगी। वहीं कांग्रेस अब सत्ता में है और अपना वादा पूरा करती हुई नजर आ रही है..
भोपाल: मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में हुए व्यापम घोटाले की जांच करवाएंगी। वहीं कांग्रेस अब सत्ता में है और अपना वादा पूरा करती हुई नजर आ रही है। कमलनाथ सरकार करीब 12सौ से ज्यादा शिकायतों की जांच करा रही है। बता दें कि ये वो मामले हैं जिन्हें सीबीआई ने बिना जांच किए ही एसटीएफ को लौटा दिेए थे। एसटीएफ की राडार पर शिवराज सरकार में रहे कई मंत्री, आईएएस और आईपीएस अफसर हैं।
दरअसल, कमलनाथ सरकार के निर्देश के बाद एसटीएफ हरकत में आ गई है। जिससे पेडिंग पड़ी शिकायतों की जांच तेज हो गई है। जांच में करीब 12 सौ शिकायतों में से 197 शिकायतों के बयान लिए जा चुके हैं। वहीं, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में एसआईटी की टीमें बनाई गई हैं जिन्हें जिले के एसटीएफ एसपी लीड कर रहे हैं। एसटीएफ सूत्रों से पता चला है कि इनमें से करीब 100 ऐसी शिकायतें हैं, जिनमें एफआईआर करायी जा रही है, उनमें से 500 लोगों को आरोपी बनाया जाएगा। शिकायतों की जांच में शिवराज सरकार के कई मंत्री, आईएएस, आईपीएस अफसरों और रसूखदारों के नाम सामने आ रहे हैं।
जांच के लिए एसआईटी की तीन टीमें
बता दें कि व्यापम से जुड़ी जांच के लिए 3 एसआईटी बनाई गई है। जांच में तीनों ही टीमें शामिल हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी एफआईआर दर्ज होती जाएगी।
इन पर हो सकती है कार्रवाई
जांच के दौरान पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा के साथ कई बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों पर शिकंजा सका जा सकता है। सबसे पहले पीएमटी और प्रीपीजी को लेकर हुई शिकायतों में एफआईआर दर्ज होगी। एसटीएफ सिर्फ पेंडिंग शिकायतों या फिर आने वाली नई शिकायतों पर जांच करेगा। एसटीएफ के अधिकारी सीबीआई की जांच में किसी तरह का हस्ताक्षेप नहीं करेंगे।
साल 2015 में सीबीआई ने व्यापम घोटाले की जांच एसटीएफ से अपने हाथ में ली थी। उस दौरान सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर सिर्फ उन मामलों की जांच अपने हाथ में ली थी, जिनमें प्रकरण दर्ज थे। बाकी बची हुई 12 सौ से ज्यादा शिकायतों में एफआईआर नहीं हुई थी, उन्हें सीबीआई ने एसटीएफ को वापस भेज दिया था। एसटीएफ अब उन्हीं शिकायतों की जांच कर रही है।