Edited By Jagdev Singh, Updated: 03 Dec, 2019 04:22 PM
मध्य प्रदेश की ग्वालियर जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 5000 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में सहायक उपनिरीक्षक मंडी ममता बाथम को 4 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है। वहीं इसके साथ ही उन पर 10,000 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है।...
ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्य प्रदेश की ग्वालियर जिला न्यायालय की भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने 5000 रुपए की रिश्वत लेने के मामले में सहायक उपनिरीक्षक मंडी ममता बाथम को 4 साल के सश्रम कारावास से दंडित किया है। वहीं इसके साथ ही उन पर 10,000 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने दोषी पाई गई मंडी की सहायक उपनिरीक्षक ममता बाथम को जेल भेज दिया है।
सुनील गुप्ता नामक एक कारोबारी ने अपने मित्र जितेंद्र दुबे के लिए देव ट्रेडर्स के नाम पर आढ़त के लाइसेंस के लिए मंडी में आवेदन किया था। इसके लिए उसने मंडी इंस्पेक्टर ममता बाथम से संपर्क किया। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ममता बाथम ने सुनील से 6000 रूपये रिश्वत की मांग की।
घटना 25 फरवरी 2016 की है इसकी शिकायत सुनील गुप्ता ने लोकायुक्त पुलिस में की। इंस्पेक्टर को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और अगले दिन 26 फरवरी 2016 को 5000 रूपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्टाचार निरोधी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया विशेष कोर्ट में चालान पेश करने के बाद सुनवाई शुरू हुई और मंडी इंस्पेक्टर को रिश्वत लेने का दोषी माना गया। कोर्ट ने दोष साबित होने पर महिला मंडी इंस्पेक्टर को जेल भेज दिया है।