Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 17 Jan, 2019 07:19 PM
कहते हैं कि जब हौंसले बुलंद हो तो सफलता खुद-व-खुद आपके कदम चूम लेती है। ऐसी ही कहानी एक ऑटो चालक की बेटी स्वाति चौहान की है। जिसने बेहद विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई करके सिविल जज बनकर इतिहास रचा है...
जबलपुर: कहते हैं कि जब हौंसले बुलंद हो तो सफलता खुद-व-खुद आपके कदम चूम लेती है। ऐसी ही कहानी एक ऑटो चालक की बेटी स्वाति चौहान की है। जिसने बेहद विपरीत परिस्थितियों में पढ़ाई करके सिविल जज बनकर इतिहास रचा है।
समाज के सामने उदाहरण बनी स्वाति गरीब परिवार से संबंध रखती है। लेकिन कड़ी मेहनत करके वह सिविल जज बनी और उन्होंने अपने पिता का नाम रोशन किया। पंजाब केसरी से खास बातचीत में स्वाति ने बताया कि उन्होंने बच्चों को कोचिंग पढ़ाकर परीक्षा की तैयारी की थी। अगर लक्ष्य को एकाग्र होकर पाने की कोशिश की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। स्वाति हर परिक्षा में टॉप करती आई है और अब उन्होंने मध्यप्रदेश में सिविल जज की परिक्षा में 40वां रैंक हासिल किया है।