Edited By Prashar, Updated: 14 Aug, 2018 06:17 PM
आजादी के पर्व पर बड़े जतन से तैयार किये गए छात्राओं के डांस पर कलेक्टर ने सिर्फ इसलिए रोक लगा दी, क्योंकि उसमें किसानों की दयनीय हालत दिखाई गई थी। मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में फसल खराब होने और कर्ज की वजह से किसानों की खुदकुशी भी इस संगीतमय...
छतरपुर : आजादी के पर्व पर बड़े जतन से तैयार किये गए छात्राओं के डांस पर कलेक्टर ने सिर्फ इसलिए रोक लगा दी, क्योंकि उसमें किसानों की दयनीय हालत दिखाई गई थी। मध्य प्रदेश समेत पूरे देश में फसल खराब होने और कर्ज की वजह से किसानों की खुदकुशी भी इस संगीतमय कार्यक्रम में दिखाई जाने वाली थी।
इस गाने पर छात्राएं डांस करने वाली थीं। गाने के बोल कुछ ऐसे थे जिसमें बारिश ना होने की वजह से फसल बर्बाद होने की व्यथा थी। कर्ज के बोझ से दबा किसान तंग आकर खुदकुशी कर लेता है। छतरपुर के सरकारी स्कूल की छात्राओं को ये सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करना था। रिहर्सल के दौरान जैसे ही कलेक्टर, एसपी और आला अफसरों ने ये डांस देखा तो पाबंदी का फरमान जारी कर दिया।
अब छात्राएं निराश और हताश हैं। परेशान तो गीतकार और गायक भी हैं। वो कहते हैं गाने में रोक लगाने जैसा कुछ भी नहीं है। गाने की पंक्तियां कुछ ऐसी थीं, ‘भगत सिंह जू फांसी चढ़े रे कर अपनो नाम अमर कर गए’। दूसरी पंक्ति में था, ‘अरि ऐ री सब सहो सूखा को संकट’।
इस गीत पर रोक लगाने के बाद नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, मैं छतरपुर के कलेक्टर से पूछना चाहता हूं कि हम स्वतंत्र भारत में रहते हैं या फिर फासिस्ट राज्य में। हमें अभिव्यक्ति का अधिकार है या नहीं। क्या हमें सिर्फ ऊपर के आकाओं से पूछना पड़ेगा कि क्या व्यक्त करें।