भोपाल के नए कलेक्टर ने संभाला पद्भार, इनके किस्से हैं मशहूर

Edited By meena, Updated: 13 Jun, 2019 04:13 PM

bhopal s new collector takes over the responsibility

बुधवार को जिले के नए कलेक्टर तरुण कुमार पिथोडे ने पदभार संभाला। जॉइन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पिथोडे ने कहा कि, सभी शासकीय योजनाओं और सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। वहीं शहर के बाशिंदों की राय के अनुसार...

भोपाल( इजहार हसन खान): बुधवार को जिले के नए कलेक्टर तरुण कुमार पिथोडे ने पदभार संभाला। जॉइन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पिथोडे ने कहा कि, सभी शासकीय योजनाओं और सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। वहीं शहर के बाशिंदों की राय के अनुसार भोपाल की प्लानिंग होगी। तरुण कुमार पिथोडे 2009 बैच के आईएएस टॉपर रहे हैं। पिथोड़े इससे पहले राजगढ़, सीहोर की कमान संभाल चुके हैं और वर्तमान में बैतूल के कलेक्टर हैं। पिथोड़े मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम में भी काम कर चुके हैं एवं व्यापंम घोटाले के उपरांत उसकी संरचना को ठीक करने के लिए पिथोडे को व्यापम का डायरेक्टर बनाया गया था। तरुण कुमार पिथोड़े लेखक और विचारक भी हैं और इनकी कई मोटिवेशनल किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। शहर और गांव के सतत विकास के प्रति संवेदनशीलता रखने वाले पिथोड़े ने सीहोर कलेक्टर रहते हुए देहदान करने का संकल्प भी लिया था।

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कभी फर्श पर बैठकर ग्रामीणों से संवाद, तो ओलावृष्टि में बंगला छोड़कर बाइक पर सवार होकर किसानों के बीच पहुंचने पर आए थे चर्चाओं में:
कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े कर्तव्यभाव की एक जीती जागती मिसाल है। प्रशासनिक कार्यदक्षता के साथ मानवीय संवेदनाए भी उनमें कूट कूट कर भरी है। कलेक्टर पिथोडे ने सीहोर में कलेक्टर रहते हुए करीब 2 साल का समय बिताया। इस दौरान उन्होंने अपनी कार्य दक्षता की दम पर कई नजीर पेश किए।अपनी पदस्थापना के ठीक बाद कलेक्टर पिथोड़े ने पंचायत भवनों के कामकाज को करीब से देखा। पंचायत भवनों के गलियारों में फर्श पर बैठे हुए कलेक्टर को देखकर ग्रामीण अचंभित भी होते और फिर योजनाओ से वंचित ग्रामीणों का दर्द झलकता तो समस्या के निराकरण के लिए तत्काल अधीनस्थों को निर्देश देना उनकी एक बड़ी खूबी रही।

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पिछले साल जिले के नसरुल्लागंज क्षेत्र में ओलावृष्टि से एक गांव में काफी तबाही मची हुई थी। तेज हवा और अधड़ का दौर चल रहा था। कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े उस समय तत्काल मौके पर पहुंचे। मौके पर निरीक्षण के दौरान जब एक ग्रामीण ने खेत मे हुई फसल की तबाही को देखने के लिए कलेक्टर से आग्रह किया तो कीचड़ से सनी खेत की पंगडंडी सड़क पर उनका सरकारी वाहन का पहुंचना मुनासिब नहीं था। ऐसे में कलेक्टर पिथोड़े ग्रामीण की बाइक पर सवार हुए और ओलावृष्टि से प्रभावित किसान के खेत तक जा पहुंचे। कलेक्टर तरुण  कुमार पिथोड़े की ग्रामीण की बाइक पर बैठी यह तस्वीर उस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।

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सीहोर में सूदखोरों के आतंक की शिकायतें लगातार पैर पसार रही थी ओर पीड़ित कलेक्टर के पास अवैध ब्याज से मुक्ति के लिए आवेदन दे रहे थे। उस समय कलेक्टर तरुण कुमार ने तत्कालीन एसडीएम राााकुमार खत्री को इस मामले में जांच की जिम्मेवारी सौंपी तो बड़े पैमाने पर एसडीएम के समक्ष यह सूदखोर सरेंडर हुए। जिससे पीड़ितों को राहत मिली। उस समय राज्य शासन ने इन दोनों ही अधिकारियों की मुक्त कंठ से तारीफ की। स्वच्छ भारत अभियान को गति देने में भी कलेक्टर पिथोड़े ने अहम रोल अदा किया और पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ सीहोर को लेकर एक मैराथन दौड़ का आयोजन किया। उस समय मैदान से कचरा बीनते कलेक्टर पिथोड़े ने लोगो को स्वच्छ्ता के लिए प्रेरित किया।

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उन्होंने हाल ही में पिछले वर्ष अगस्त माह में अपने जन्मदिन पर मानव कल्याण की भावना से प्रेरित होकर आपने देह दान का संकल्प भी लिया है। पिथोड़े लेखक और विचारक भी हैं और इनकी कई मोटिवेशनल किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने तीन किताबों के लेखक हैं।  

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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