Edited By suman, Updated: 10 Nov, 2018 05:46 PM
जिले में भाजपा से करीब आधा दर्जन महिला विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इनमें बड़ामलहरा को छोड़कर सभी सीटों पर पुरुष प्रत्याशियों को पार्टी ने मैदान में उतारा है। इस कारण चुनाव लड़ने से वंचित महिला विधायकों का दर्द सामने आया है। आरोप लगाया है कि हमने...
बुंदेलखंड: जिले में भाजपा से करीब आधा दर्जन महिला विधायकों के टिकट काटे गए हैं। इनमें बड़ामलहरा को छोड़कर सभी सीटों पर पुरुष प्रत्याशियों को पार्टी ने मैदान में उतारा है। इस कारण चुनाव लड़ने से वंचित महिला विधायकों का दर्द सामने आया है। आरोप लगाया है कि हमने क्षेत्र में विकास की गंगा बहाई। पार्टी की हर नीति पर काम किया। हटा एससी सीट से भाजपा की मौजूदा विधायक उमा देवी खटीक का टिकट कटने पर कार्यकर्ताओं का विद्रोह सातवें आसमान पर है।
उमा कार्यकर्ताओं को मनाने में जुटी और तर्क भी दे रही है कि पार्टी ने हमें जो जवाबदारी दी है, उसे निभाना जरूरी है। उनका आरोप है कि एक ओर महिला संरक्षण एवं सशक्तिकरण के दावे कर रहे हैं। दूसरी ओर हमारा टिकट काटकर ऐसे पुरुष प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया, जिसका कोई क्षेत्रीय वजूद नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर केंद्रीय मंत्री उमा भारती की चलती तो टिकट नहीं कट सकता था। उनका यह भी आरोप है कि वर्ष 2008 में महिलाओं को 13 प्रतिशत आरक्षण था। वर्ष 2013 में घटाकर 12 किया गया और इस बार के टिकट वितरण में मात्र 8 प्रतिशत आरक्षण किया गया है। उमा देवी खटीक ने बताया कि कार्यकर्ता पूरी तरह दबाव बनाते रहे कि निर्दलीय नामांकन करें, लेकिन हमने ऐसा काम नहीं किया।