Edited By suman, Updated: 15 Sep, 2018 01:12 PM
डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के टेगौर हॉस्टल में शुक्रवार देर शाम एक छात्र देवअर्ष बागरी ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र द्वारा फांसी लगाने के बाद छात्र उसे इलाज के लिए बीएमसी ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर...
सागर : डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के टेगौर हॉस्टल में शुक्रवार देर शाम एक छात्र देवअर्ष बागरी ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र द्वारा फांसी लगाने के बाद छात्र उसे इलाज के लिए बीएमसी ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। छात्र के मृत होते ही यूनिवर्सिटी के अन्य छात्रों ने डॉक्टरों पर ठीक से इलाज न करने के आरोप लगाते हुए बहस शुरू कर दी।
इस दौरान डॉक्टरों, बीएमसी प्रबंधन व छात्रों के बीच जमकर नोंक-झोंक हो गई। अस्पताल के ओपीडी गेट पर बीएमसी के इंटर्न से फिर विवाद के बाद मामला मारपीट तक पहुंच गया। बीएमसी हॉस्टल से छात्र बुला लिए गए और विवि के छात्रों की धुनाई कर दी। गुस्साए यूनिवर्सिटी के करीब 200 छात्र रात करीब 8 बजे बीएमसी पहुंच गए।
पहले से तैनात पुलिस बल ने उन्हें गेट के बाहर सड़क पर ही रोक लिया। समझाइश के बाद भी जब नहीं माने तो तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें 15-16 छात्र घायल हो गए। यूनिवर्सिटी के टेगौर हॉस्टल के 32 नंबर रूम में रहने वाले छात्र देवअर्ष बागरी ने शुक्रवार देर शाम अपने कमरे में फांसी लगा ली। देवअर्ष सतना का रहने वाला था और यूनिवर्सिटी से बीएससी थर्ड सेमेस्टर की पढ़ाई कर रहा था। शुक्रवार को देवअर्ष का गणित विषय का एग्जाम था, जिसमें मोबाइल से नकल करते हुए वह पकड़ा गया था। इसी वजह से दिनभर छात्र चिंतित रहा और देर शाम रूम में अकेले होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटना के दौरान हॉस्टल के कमरे में रहने वाला सहपाठी छात्र कमरे में नहीं था। घटना की जानकारी जैसे ही हॉस्टल प्रबंधन को मिली तो वे छात्र को तुंरत बीएमसी इलाज के लिए लेकर पहुंचे। देवअर्ष को लेकर बीएमसी पहुंचे छात्रों के अनुसार, अस्पताल तक पहुंचने के दौरान उसकी सांसें चल रही थीं, लेकिन इलाज के दौरान थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने जैसे ही छात्र को मृत घोषित किया तो यूनिवर्सिटी के छात्र बिफर गए और डॉक्टरों पर ठीक से इलाज न करने के आरोप लगाकर हंगामा करने लगे।