Edited By meena, Updated: 21 Nov, 2019 03:42 PM
मध्य प्रदेश की बेटी बुशरा खान ने नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पहला स्थान हासिल किया। उसने 2000 मीटर की दौड़ मात्र 6 मिनट 24 सेकंड में पूरी करके पिछले पांच सालों का रिकार्ड तोड़ दिया...
सीहोर(सोनू सूत्र): मध्य प्रदेश की बेटी बुशरा खान ने नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पहला स्थान हासिल किया। उसने 2000 मीटर की दौड़ मात्र 6 मिनट 24 सेकंड में पूरी करके पिछले पांच सालों का रिकार्ड तोड़ दिया।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में चल रही 35वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के आखिरी दिन बुधवार को सुबह 7:30 बजे बुशरा ने ट्रैक पर दौड़ शुरू की और 7:36:24 बजे दौड़ पूरी करके नया कीर्तिमान बनाया। बुशरा की इस उपलब्धि की खबर जैसे ही शहर में आई तो पूरे शहर में खुशी की लहर दौड़ गई।
शहर की उड़नपरी कहलाने वाली बुशरा कक्षा 10वीं की छात्रा है। बुशरा ने सीहोर में ही एथलेटिक्स की ट्रेनिंग शुरू की थी। विशाखापट्टनम में वर्ष 2017 में 600 मीटर की दौड़ में ब्राउंस मेडल प्राप्त किया था। इसके बाद 2018 में तिरुपति में बुशरा ने 1000 मीटर की दौड़ में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था। बुशरा की इस उपलब्धि पर नगर के खेल प्रेमियों में हर्ष की लहर दौड़ गई
कुछ कर दिखाने के जज्बे और कड़ी मेहनत ने दिलाया मुकाम
बुशरा खान सीहोर से 5 किलोमिटर दूर स्थित छोटे से गांव पचामा के निवासी गफ्फार खान गौरी की बेटी है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी बचपन से ही बुशरा में कुछ करने का जज्बा था। बुशरा ने एथलेटिक्स में कड़ी मेहनत की। सबसे पहले कोच दुष्यंत ने बुशरा को ट्रेनिंग दी थी।
इसके बाद जिला एथलेटिक्स संघ के सहायक सचिव प्रभात मेवाड़ा ने बुशरा के इस हुनर को परखा और चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिसके बाद बुशरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अगल अलग जगह आयोजित होने वाली चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया बुशरा के हर प्रतियोगिता में जीतने के कारण ही बुशरा को जिले में उड़नपरी के नाम से लोग जानने लगे।
बुशरा के पिता गफ्फार खान मिल में मजदूर है 3 बेटियों के पिता है बुशरा की दो छोटी बहन है बावजूद इसके उन्हनो बुशरा के लिए वो तमाम संसाधन जुटाए जो एक खिलाड़ी के लिए आवयश्क होते है बुशरा की खेल जरूरतों पूरी करने की खातिर बुशरा की माँ ने अपने पास मौजूद जो थोड़े से जेवर थे वो भी बेच दिए बुशरा की लगन एवं माता-पिता का आशीर्वाद के चलते आज बुशरा ने रेस जीतकर न सिर्फ अपने परिजनों का नाम बल्कि शहर का नाम भी रोशन किया।