Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 13 Mar, 2019 10:27 AM
अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले को लेकर सरकार ने कैविएट दायर कर दी है। सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट के साथ ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में भी कैविएट डायरी की है। सरकार ने कहा है कि इस संबंध में यदि कोई याचिका दायर होती है तो सरकार का...
भोपाल: अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के मामले को लेकर सरकार ने कैविएट दायर कर दी है। सरकार ने जबलपुर हाईकोर्ट के साथ ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में भी कैविएट डायरी की है। सरकार ने कहा है कि इस संबंध में यदि कोई याचिका दायर होती है तो सरकार का पक्ष भी सुना जाए। आरक्षण देने के फैसले को मिलने वाली संभावित चुनौती को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
जानकारी के अनुसार, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को कई लोग गैरकानूनी बता रहे हैं। इनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार 50 फीसदी से ज्यादा किसी भी सूरत में नहीं हो सकता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सागर में एक शासकीय कार्यक्रम के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की घोषणा की, आचार संहिता के चलते आनन् फानन में अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजा गया था जिसे मंजूरी मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान पहले ही लागू है। इस अध्यादेश पर मुहर के साथ ही से प्रदेश में कुल कोटा 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है।