Edited By Jagdev Singh, Updated: 08 Feb, 2020 04:50 PM
मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में एक प्रेस काॅन्फेंस में ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार मंदिर नहीं बना सकती। मंदिर का निर्माण केवल राम भक्त ही कर...
नरसिंहपुर: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के झोतेश्वर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में एक प्रेस काॅन्फेंस में ज्योतिष एवं द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि केंद्र सरकार मंदिर नहीं बना सकती। मंदिर का निर्माण केवल राम भक्त ही कर सकते हैं।
वहीं श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के गठन को लेकर स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज केंद्र सरकार से नाराज हैं। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट को बनाने का मतलब यह है कि यह मंदिर संविधान के अनुसार बनेगा धर्म के अनुसार नहीं।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस को सनातन धर्म को बिगाड़ने वाला बताया। उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रस्ट में किसी को रखने पर कोई आपत्ति नहीं है उन्हें तो ट्रस्ट बनाने पर ही आपत्ति है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह इस विषय में केंद्र सरकार को नोटिस देंगे कि उन्होंने किस आधार पर वासुदेवानंद को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य मानकर प्रचारित किया और ट्रस्ट में शामिल किया।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि केंद्र सरकार मंदिर नहीं बना रही है बल्कि एक स्मारक बना रही है। यह बात वह संतों को समझाएंगे, उन्होंने कहा है कि राम भक्त और संत महात्मा मिलकर रामलला का सुंदर मंदिर बनाएंगे। उसमें भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी और गर्भ गृह में किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार मंदिर बनाएगी तो वह शराब के टैक्स आदि से प्राप्त राशि से मनाया जाएगा। लोगों से लिए गए कई तरह के करों से बनाया जाएगा इसलिए यह मंदिर नहीं बनाया जा सकता। सरकार मंदिर नहीं बना सकती। उन्होंने उमा भारती के बयान को लेकर भी सवाल खड़े किए।