Edited By Prashar, Updated: 24 Jul, 2018 12:59 PM
जिले के हरपुर गांव के एक शख्स बैजनाथ ने 20 साल से ना धूप देखी और ना बारिश का आनंद लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक काल-कोठरी में जंजीरों में जकड़ा हुआ है। उसे उसके घरवालों ने ही बांध रखा है और इसकी वजह सिर्फ बैजनाथ का गुस्सा है।
छतरपुर : जिले के हरपुर गांव के एक शख्स बैजनाथ ने 20 साल से ना धूप देखी और ना बारिश का आनंद लिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि वो एक काल-कोठरी में जंजीरों में जकड़ा हुआ है। उसे उसके घरवालों ने ही बांध रखा है और इसकी वजह सिर्फ बैजनाथ का गुस्सा है।
बैजनाथ 20 साल से जंजीरों से बंधा हुआ है। दैनिक नित्य क्रिया भी यहीं करते हैं और खाना भी यहीं बैठकर खाते हैं। इन्हीं ज़ंजीरों में बंधे हुए वो सोते हैं और इन्हीं के साथ जागते हैं। ऐसा नहीं है कि बैजनाथ मानसिक रोगी हैं। वो पूरी तरह से ठीक हैं फिर भी इनकी इस हालत की कहानी रौंगटे खड़े करने वाली है।
दरअसल बैजनाथ 20 साल पहले रस्सी बनाने के लिए एक पेड़ की जड़ खोद रहे थे। गांव के ठाकुरों ने उन्हें रोका। वो नहीं माने तो उन लोगों ने बैजनाथ को चांटा मार दिया। गुस्से में आग बबूला बैजनाथ ने उन गांव वालों पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। इसके बाद उन्हें दो महीने की जेल हो गई और जेल से छूटने के बाद बैजनाथ के सिर पर उन दबंगों की हत्या का खून सवार हो गया और वो उन्हें मारने की फिराक में घूमने लगा।
बैजनाथ के पिता घबरा गए। दबंगों के डर से पिता ने अपने एक बेटे को दूसरे गांव में उसकी ससुराल भेज दिया और दूसरे बेटे बैजनाथ को बेड़ी और जंजीर में कस दिया।
एक-एक लम्हा करके 20 साल बीत गए। जवानी में आए गु्स्से की सजा बैजनाथ बुढ़़ापे तक भुगत रहे हैं। वो जिंदगी को फिर से जीना चाहते हैं। आजाद होने के लिए दिन-रात टकटकी लगाए रहते हैं कि कब कोई फरिश्ता आए और इस कैद से मुक्त कर दे।