स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में मप्र का निराशाजनक प्रदर्शन

Edited By suman, Updated: 24 Jun, 2018 04:42 PM

cleanliness survey of the mp in the year 2018

इंदौर और भोपाल को देश के सबसे साफ शहरों का अवॉर्ड एक बार फिर भले ही मिल गया हो, लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में इस बार मप्र का प्रदर्शन पिछले साल के मुकाबले खराब रहा है। साल 2017 के सर्वे में मप्र के 22 शहर, टॉप 100 की सूची में आए थे, जबकि इस साल...

मध्यप्रदेश: इंदौर और भोपाल को देश के सबसे साफ शहरों का अवॉर्ड भले ही मिल गया हो, लेकिन स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में इस बार मप्र का प्रदर्शन पिछले साल के मुकाबले खराब रहा है। साल 2017 के सर्वे में मप्र के 22 शहर, टॉप 100 की सूची में आए थे, जबकि इस साल 20 शहर ही इस सूची में जगह बना पाए हैं। वहीं पिछले साल टॉप 100 की सूची में रहे पांच शहर, इस साल बाहर हो गए हैं। उनकी जगह नीमच, बुरहानपुर और नागदा ने इस सूची में जगह बनाई है। वहीं, जिन शहरों ने सूची में अपनी जगह बनाई भी है, उनमें से ज्यादातर की रैंकिंग गिर गई है। इसमें ग्वालियर, जबलपुर, सागर जैसे शहर शामिल हैं।

ये हो गए बाहर
देश के 100 सबसे साफ शहरों की सूची में से इस साल मप्र की धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर बाहर हो गई है। पिछले साल 2017 में ओंकारेश्वर 36वें नंबर पर था। वहीं सीहोर 55वें खंडवा 73वें, बैतूल 78वें और कटनी 24वें रैंक पर था। इस बार टॉप 100 शहरों की सूची में जगह नहीं बना पाए हैं।

टॉप 100 में सिर्फ 4 छोटे शहर
इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण प्रदेश के सभी शहरों में हुआ था। एक लाख से कम आबादी वाले सबसे साफ 100 शहरों की सूची अलग से जारी की गई है। इसमें प्रदेश के छोटे शहरों ने निराश किया है और सिर्फ 4 शहर इसमें जगह बना पाए। इसमें धार 13वें,  पोलयकला 37वें, सिवनी-मालवा 66वें और जावरा 84वें रैंक में शामिल हैं।

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