Edited By Jagdev Singh, Updated: 09 Nov, 2019 04:21 PM
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ राजधानी भोपाल स्थित पुलिस कंट्रोल पहुंचे। जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री ने...
भोपाल: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ राजधानी भोपाल स्थित पुलिस कंट्रोल पहुंचे। जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री ने जबलपुर का दौरा निरस्त कर दिया। उन्होंने शनिवार सुबह अफसरों से चर्चा की और इसके बाद से कानून-व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री खुद जिला अफसरों के संपर्क में है।
वहीं अयोध्या फैसले के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नागरिकों से शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। साथ ही प्रशासन से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह चुनिंदा अफसरों से चर्चा कर कानून-व्यवस्था की स्थिति की जानकारी ली। सीएम कमलनाथ नाथ ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे निरंतर सक्रिय और सजग रहकर काम करें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि वे देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या के मामले में सर्वसम्मति से दिए गए फैसले का सम्मान करें और प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें। बैठक में सामान्य प्रशासन मंत्री एवं भोपाल जिले के प्रभारी डॉ. गोविंद सिंह और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा भी उपस्थित थे।
वहीं मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने को कहा है। उन्होंने शुक्रवार को वीडियो कॉफ्र्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर, संभागायुक्तों से कहा कि संपत्ति विरूपण के अंतर्गत अनधिकृत बैनर हटाने तथा मिलावट रोकने के लिए सजग रहें एवं त्वरित, दृढ़ और निष्पक्ष कार्रवाई करें। मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था, संपत्ति-विरूपण, मिलावट के विरूद्ध अभियान तथा लंबित राजस्व प्रकरणों और उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि जिला दण्डाधिकारी की अनुमति के बिना कोई भी होर्डिंग-बैनर नहीं लगने दिया जाए। ये निर्देश निष्पक्ष रूप से सभी होर्डिंग-बैनर पर लागू होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश को स्वच्छ और सुन्दर बनाना है। अनधिकृत होर्डिंग-बैनर के विरूद्ध प्रभावी अभियान चलाया जाए, जिससे दूसरे राज्यों के लिए प्रदेश उदाहरण बन सके।