CM कमलनाथ ने आज दोपहर 12 बजे बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस, बहुमत परीक्षण से पहले दे सकते हैं इस्तीफा

Edited By Jagdev Singh, Updated: 20 Mar, 2020 10:55 AM

cm kamal nath press conference 12 noon today may resign before majority test

मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक घटनाक्रम की तस्वीर आज साफ हो जाएगी। कांग्रेस के बागी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद कमलनाथ सरकार का जाना तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है और माना जा रहा...

नई दिल्ली/भोपाल (इजहार हसन खान): मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक घटनाक्रम की तस्वीर आज साफ हो जाएगी। कांग्रेस के बागी 16 विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने के बाद कमलनाथ सरकार का जाना तय माना जा रहा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है और माना जा रहा है कि बहुमत परीक्षण से पहले ही वो इस्तीफा दे सकते हैं। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए स्पीकर एनपी प्रजापति ने दोपहर दो बजे का समय तय किया है।

वहीं इससे पहले गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति को फ्लोर टेस्ट के लिए शुक्रवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शाम 5 बजे तक पूरी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद स्पीकर एनपी प्रजापित ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है और विधानसभा कार्यसूची में दोपहर दो बजे का समय निर्धारित किया है। कार्यसूची में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक शुक्रवार को विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा।

गुरूवार देर रात मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इन सभी विधायकों के अलावा 6 अन्य विधायकों का इस्तीफा पहले ही मंजूर कर लिया गया है। इस तरह से अब तक कुल 22 विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया जा चुका है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों 10 मार्च को अपना इस्तीफा दिया था, लेकिन प्रजापति ने इनके इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया था। ये सभी विधायक अभी बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं।

मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने गुरुवार को अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया, इसमें कहा गया कि वे सभी 20 मार्च को विधानसभा में मौजूद रहें और बहुमत परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करें। दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी कर कमलनाथ सरकार के खिलाफ मतदान करने को कहा है।

मध्य प्रदेश के राजनीतिक संकट पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच ने कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने का एकमात्र एजेंडा बहुमत परीक्षण कराना होगा। संबंधित अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में कानून-व्यवस्था कायम रहे। बेंच ने विधानसभा अध्यक्ष को फ्लोर टेस्ट की पूरी प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियो रिकॉर्डिंग कराने के आदेश भी दिए हैं। साथ ही पीठ ने विधायकों से अपना हाथ उठाकर मत प्रकट करने का निर्देश दिया।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर 16 बागी विधायक विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होना चाहते हैं तो कर्नाटक व मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं। पीठ ने कहा कि वह बागी विधायकों को यह आदेश नहीं दे सकती कि वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल हों या नहीं। यह उन विधायकों की इच्छा पर निर्भर करता है।

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