Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 21 Nov, 2018 02:16 PM
जहां एक तरफ चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव को पारदर्शिता तरीके से कराने के साथ ही निष्पक्षता...
राजगढ़: जहां एक तरफ चुनाव आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव को पारदर्शिता तरीके से कराने के साथ ही निष्पक्षता को लेकर प्रचार किया जा रहा है। वहीं अब जिले में मतदान डियूटी करने वाले कर्मचारियों के मतदान ने कई सवाल खड़े कर दिए है।
दरअसल,प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं उनके मत डाले जा सके इसके लिए प्रक्रिया सोमवार से शुरू की गई। 618 कर्मचारियों के ही नाम सूची को कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर चस्पा दिया गया।उसी आधार पर कर्मचारियों को मतदान संबंधी लिफाफे आबंटित किए गए, हर कर्मचारी सूची में नाम देखकर और कोड नंबर बताकर मतदान संबंधी लिफाफा ले रहा था। ऐसे में राजनीतिक दलों के कुछ कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे और उन्होंने सबकुछ अपने मोबाईल में रिकार्ड कर लिया। नाम सहित कोड लिखी हुई सूची सार्वजनिक कर देने के बाद जब मतों की गणना होगी तो कोई भी यह पता लगा सकेगा कि किस कर्मचारी ने किसको अपना मत दिया है। हालांकि प्रशासन द्वारा सूची कर्मचारियों की सुविधा के लिए लगाई गई थी।लेकिन यह उनके लिए गले की फांस बन सकती है क्योंकि भविष्य में सरकार किसी भी दल की बनती है और कर्मचारी का मत उनकी जानकारी में है तो निश्चित रूप से यह संबंधित कर्मचारी के लिए नुकसान दायक होगा।
इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने पोस्टल बैलट मतदान की गोपनीयता भंग होने की शिकायत व कलेक्टर को हटाने की बात चुनाव आयोग से की है जिसपर आयोग ने राजगढ़ कलेक्टर से तत्काल रिपोर्ट तलब करी है।