Edited By meena, Updated: 20 Jul, 2022 04:15 PM
नगर निगम रीवा में पिछले 24 साल से महापौर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा रहा है। जब से महापौर का चुनाव जनता के द्वारा होने लगा है तब से भाजपा ही जीतती आ रही थी। कुल मिलकर रीवा के आठों विधानसभा सीट में बीजेपी का कब्जा है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने उनके...
रीवा(सुभाष मिश्रा): नगर निगम रीवा में पिछले 24 साल से महापौर की कुर्सी पर भाजपा का कब्जा रहा है। जब से महापौर का चुनाव जनता के द्वारा होने लगा है तब से भाजपा ही जीतती आ रही थी। कुल मिलकर रीवा के आठों विधानसभा सीट में बीजेपी का कब्जा है। लेकिन इस बार कांग्रेस ने उनके गढ़ में सेंध लगाते हुए बड़ी जीत हासिल की है। कांग्रेस के अजय मिश्रा ने करीब 9 हजार वोटों से भाजपा के प्रबोध व्यास को शिकश्त दी है। खास बात यह कि यहां बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में सीएम शिवराज ने खुद मोर्चा संभालते हुए 2 सभाएं की थी। उसके बावजूद भी भाजपा प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा है।
कौन हैं अजय मिश्रा
अजय मिश्रा के बारे में बताया जाता है कि वो एक जमीनी कार्यकर्ता हैं। अजय मिश्रा बाबा का वर्तमान पद नेता प्रतिपक्ष नगर निगम का रहा है। वे पहली बार वर्ष 1999 में वार्ड क्रमांक-17 से पार्षद, दूसरी बार 2009 में वार्ड क्रमांक-19 और तीसरी बार वर्ष 2014 में वार्ड क्रमांक-17 से निर्वाचित हुए। वो पूर्व CM दिग्विजय सिंह और अजय सिंह के करीबी माने जाते हैं।
मुखरता से उठाए जनता के मुद्दे
नगर निगम में नेता विपक्ष की भूमिका में अजय मिश्रा बाबा ने जनता के मुद्दे प्रमुखता से उठाए हैं। यही कारण है कि जनता ने उन्हें तीन बार पार्षद चुनकर परिषद में पहुंचाया है। इसके साथ ही वे पहली बार महापौर भी चुन लिए गए हैं। रीवा शहर में अजय मिश्रा ने अपनी राजनीति अपने दम पर स्थापित की। इनके बाबा भाईलाल मिश्रा 1952 में कनपुरा और 1957 में देवसर सीट से विधायक रहे हैं। पिता स्व. बद्री प्रसाद कृषि विभाग के उपसंचालक रहे हैं। रीवा नगर निगम नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा बाबा जनता के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं। 51 वर्षीय अजय मिश्रा ने अपने दम पर राजनीति में अपनी पैठ बनाई है। यही वजह है कि वे तीन बार पार्षद के रूप में निर्वाचित होकर परिषद तक गए और अब महापौर बन गए हैं।
म्यूजिक का है शौक
अजय मिश्रा बाबा ने स्नातक तक पढ़ाई की है। उनका प्रोफेशन ठेकेदारी एवं कृषि का है। इनका शौक म्यूजिक सुनने और किताब पढ़ने का है। अजय मिश्रा को राजनीति विरासत में मिली है। इनके दादा भाईलाल मिश्रा दो बार सोशलिस्ट पार्टी से विधायक रहें हैं। वो साल 1952 में कनपुरा और 1957 में देवसर सीट से विधायक रहे हैं। इनके पिता स्व. बद्री प्रसाद कृषि विभाग के उपसंचालक रहे हैं।