कांग्रेस का PM पर हमला: 'नोटबंदी तबाही लाने वाला आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला'

Edited By Vikas kumar, Updated: 09 Nov, 2018 07:02 PM

congress attack on pm azad india s biggest scandal bring down the ceasefire

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है, कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि, ''कल 8 नवंबर, 2018 को नोटबंदी की दूसरी बरसी थी। दो साल प...

भोपाल: प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है, इसी बीच कांग्रेस (रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, श्रीमती प्रियंका चतुर्वेदी, कन्वीनर व प्रवक्ता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी; शोभा ओझा व अभय दुबे) ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि, 'कल 8 नवंबर, 2018 को नोटबंदी की दूसरी बरसी थी। दो साल पहले, इसी दिन 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की तबाही को आर्थिक क्रांति का नया सूत्र बताते हुए तीन कारण दिए थे। सारा काला धन पकड़ा जाएगा, फर्जी नोट पकड़े जाएंगे, आतंकवाद व नक्सलवाद खत्म हो जाएगा।

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लेकिन 12 नवंबर, 2016 को मोदी जी ने हद ही कर डाली, जब जापान में अप्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए ताली बजा-बजाकर देश के गरीब व मध्यम वर्ग का मजाक उड़ाते हुए कहा, घर में शादी है, पैसे नहीं हैं, देखो नोटबंदी का कमाल। यह अहंकार की आखिरी सीमा थी। सच तो यह है कि, जहां एक तरफ नोटबंदी ने किसान, नौजवान, महिलाएं, छोटे व्यवसायी व दुकानदार की कमर तोड़ डाली, वहीं दूसरी तरफ कालाधन वालों की ऐश हो गई, उन्होंने रातों रात उस धन को सफेद बना डाला। 

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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि, नोटबंदी की दूसरी बरसी पर प्रधानमंत्री मोदी हों या शिवराज सिंह चौहान या भाजपाई सरकारें, उनसे जवाब मांगने का समय आ गया है।

कांग्रेस के मोदी सरकार से सवाल...

  • 24 अगस्त 2018 की आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दिन चलन में 15.44 लाख करोड़ नोटों में से 99.9 प्रतिशत बैंकों में जमा हो गए। बाकी बचा पैसा भी रॉयल बैंक ऑफ नेपाल व भूटान तथा अदालतों में केस प्रॉपर्टी के तौर पर जमा है। तो फिर कालाधन कहां गया ? 
  • 15.44 लाख करोड़ के पुराने नोटों में से मात्र 58.30 करोड़ ही नकली नोट पाए गए, यानि सिर्फ 0.0034 प्रतिशत। क्या भाजपाई बताएंगे कि फिर नकली नोट कहां गए ? 
  • नोटबंदी के बाद देशभर में करीब 350 आम नागरिक और सेना के जवान शहीद हुए। तो क्या मोदी सरकार ने देश को जानबूझकर गुमराह किया?
  • नोटबंदी के दिन देश में 17.71 लाख करोड़ कैश चलन में था। 28 अक्टूबर, 2018 को चलन में कैश की मात्रा बढ़कर 19.61 लाख करोड़ हो गई है। तो फिर डिजिटल भुगतान कैसे बढ़ गया।
  • सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकॉनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से सीधे तौर पर 15 लाख नौकरियां गईं तथा देश की अर्थव्यवस्था को 3 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। मध्यम वर्गीय रोजगार चौपट हो गए। तो क्या इससे लोगों की रोजरोटी पर प्रभाव नहीं पड़ा?
  • नोटबंदी से ठीक पहले भाजपा व आरएसएस ने सैकड़ों करोड़ रु. की संपत्ति पूरे देश में खरीदी। क्या भाजपा व आरएसएस को नोटबंदी के निर्णय की जानकारी पहले से थी। क्या कारण है कि, बीजेपी व संघ ने इतने सैकड़ों व हजारों करोड़ की संपत्ति खरीदी व इसे सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया। नोटबंदी से ठीक पहले सितंबर, 2016 में बैंकों में एका-एक 5 लाख 88 हजार 600 करोड़ रुपया अतिरिक्त जमा हुआ। इसमें से 3 लाख करोड़ फिक्स्ड डिपॉजि़ट में मात्र 15 दिन में जमा हुआ। क्या इसकी जाँच नहीं होनी चाहिए? 
  • कमाल की बात तो यह है कि, नोटबंदी के तुरंत बाद 10 नवंबर 2016 को इंदिरापुरम गाजि़याबाद, उत्तरप्रदेश में एक मारुति स्विफ्ट कार से तीन करोड़ रुपया बोरियों में पकड़ा गया। कार में सिद्धार्थ शुक्ला व अनूप अग्रवाल थे, जिन्होंने बताया कि वो यह कैश पैसा भाजपा के लखनऊ कार्यालय में ले जा रहे थे। मोदी जी देश को कहते हैं कि चाय भी पेटीएम से पियो, तो फिर भाजपाई करोड़ों रुपया गाड़ी की डिक्की में भरकर क्यों ले जा रहे थे।

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