Edited By shahil sharma, Updated: 30 Mar, 2021 06:16 PM
कैलाश विजयवर्गीय का स्टार प्रचारक की लिस्ट में नौवां स्थान है। वहीं, सीएम शिवराज का 14वां स्थान है। इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद को पार्टी ने 24वें नंबर पर रखा है। इसको लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा है कि महाराज...
भोपाल: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी हाईकमान ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। 30 प्रचारकों की लिस्ट में मध्य प्रदेश के तीन राजनेताओं को जगह मिली है। इनमें कैलाश विजयवर्गीय, सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्या सिंधिया शामिल हैं।
कैलाश विजयवर्गीय का स्टार प्रचारक की लिस्ट में नौवां स्थान है। वहीं, सीएम शिवराज का 14वां स्थान है। इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद को पार्टी ने 24वें नंबर पर रखा है। इसको लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने कहा है कि महाराज की स्थिति बिन बुलाए मेहमान जैसी है।
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में 5वें, 6वें व 7वें चरण के चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने 23 मार्च को जारी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित 30 नेताओं के नाम शामिल हैं।
इसी तरह बंगाल चुनाव के लिए कांग्रेस की पहली सूची में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम शामिल किया गया था, लेकिन दूसरी सूची से उनका नाम हटा लिया गया था। इस पर कांग्रेस ने कहा था कि चूंकि दमोह उप चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है, ऐसे में कमलनाथ ज्यादा समय दमोह में देना चाहते हैं, इसलिए 17 अप्रैल के बाद वे कांग्रेस का प्रचार करने बंगाल जाएंगे। इस पर बीजेपी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि कमलनाथ का कद कांग्रेस में धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।
अब सिंधिया को स्टार प्रचारकों की सूची में एक माह बाद जगह मिलने पर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी अहम बैठकों से सिंधिया को दूर रखती है। उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करना महज एक औपचारिकता है।
बता दें कि सिंधिया ने 18 साल कांग्रेस में रहने के बाद मार्च 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर भाजपा का दामन थामा था। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरा दी थी। कांग्रेस के करीब 22 विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया ने इन विधायकों का इस्तीफा करवाया और आखिरकार कमलनाथ को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी।