17 तारीख को बहुमत साबित ना करने पर माना जाना मुझे विधानसभा में बहुमत नहीं है, असंवैधानिक: कमलनाथ

Edited By Jagdev Singh, Updated: 17 Mar, 2020 02:26 PM

consider not proving 17th i not have majority vs matter unconstitutional cm

मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच पत्राचार भी जारी है। इसी बीच सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को फिर चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कल राज्यपाल की भेजी गई चिट्ठी का जवाब दिया है। सीएम ने इसमें लिखा...

भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच पत्राचार भी जारी है। इसी बीच सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को फिर चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने कल राज्यपाल की भेजी गई चिट्ठी का जवाब दिया है। सीएम ने इसमें लिखा है कि उन्होंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी संसदीय मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया है, लेकिन अगर फिर भी ऐसा लगता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच सीएम कमलनाथ पर बहुमत साबित करने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है। इसी बीच उन्होंने राज्यपाल लालजी टंडन को आज फिर चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने उन बातों का जिक्र किया है जो राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में लिखी थीं। सीएम कमलनाथ ने लिखा है कि मैंने अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में हमेशा मर्यादा का पालन किया है। आपके पत्र को पढ़ने के बाद मैं दुखी हूं। आपने मेरे ऊपर संसदीय मर्यादाओं का पालन न करने का आरोप लगाया है। मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी यदि आपको लगा है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।

वहीं राज्यपाल को लिखे पत्र में सीएम कमलनाथ ने विधानसभा की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित करने के कारणों का भी उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में है। डब्लूएचओ ने इसे महामारी घोषित किया और भारत सरकार ने एडवायजरी जारी की है। इसमें भीड़ और सार्वजनिक स्थानों से बचने की सलाह दी गई है। इसी वजह से विधानसभा की कार्रवाई 26 मार्च तक स्थगित की गई है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि पिछले 15 महीनों में मैंने सदन में कई बार अपना बहुमत साबित किया है। अगर बीजेपी आरोप लगा रही है तो अविश्वास प्रस्ताव के जरिए वो फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं। मेरी जानकारी में है कि बीजेपी ने अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया है। इस पर अब विधानसभा अध्यक्ष आगे कार्रवाई करेंगे।

सीएम ने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि बीजेपी ने बेंगलुरु में कांग्रेस विधायकों को बंधक बना रखा है। बीजेपी नेता उनसे मिल रहे हैं, लेकिन बाकी किसी और को मिलने या बात करने नहीं दिया जा रहा। साथ ही उन्होंने आग्रह किया है कि उन 16 कांग्रेस विधायकों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाए ताकि वो अपना फैसला खुद कर सकें। वहीं बहुमत साबित करने पर सीएम ने अपनी राय देते हुए लिखा है कि 17 तारीख को बहुमत साबित ना करने पर यह माना जाना कि मुझे विधानसभा में बहुमत नहीं है, यह बात असंवैधानिक होगी।

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