Edited By Prashar, Updated: 21 Aug, 2018 01:22 PM
हाईकोर्ट की युगलपीठ में सोमवार को महाराणा प्रताप नगरवासियों की याचिकाओं पर सुनवाई की गई। कोर्ट ने कहा कि किसी का घर टूटने पर हमें भी दुख होता है, लेकिन कानून का पालन कराना जरूरी है। याचिकाकर्ता अपना आवेदन नगर निगम में प्रस्तुत करे और निगम उस पर...
ग्वालियर : हाईकोर्ट की युगलपीठ में सोमवार को महाराणा प्रताप नगरवासियों की याचिकाओं पर सुनवाई की गई। कोर्ट ने कहा कि किसी का घर टूटने पर हमें भी दुख होता है, लेकिन कानून का पालन कराना जरूरी है। याचिकाकर्ता अपना आवेदन नगर निगम में प्रस्तुत करे और निगम उस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। एक याचिका पर बहस हुई और चार याचिकाएं वापस हो गईं।
महाराणा प्रताप नगर निवासी रमा भदौरिया व अन्य ने महाराणा प्रताप नगर में की जा रही तोड़फोड़ को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया कि जनहित याचिका में कोर्ट ने कहीं भी तोड़ने का आदेश नहीं दिया है, लेकिन नगर निगम हमारे मकान तोड़ रहा है। ऐसे वक्त कार्रवाई की जा रही है, जब बारिश हो रही है। घर की छत छिनने पर परिवार कहां जाए। सभी पर समान कार्रवाई होनी चाहिए।
शासकीय व अनुमति वाले भवन, बिना अनुमति वालों पर समान कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन महाराणा प्रताप नगर में ही कार्रवाई की जा रही है। याचिकाकर्ता का तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि 200 मीटर के दायरे में हुए निर्माण पर फाइनल बहस में फैसला लेना है, लेकिन यह कार्रवाई बिना अनुमति वाले मकानों पर हुई है। हाईकोर्ट के रुख को देखते हुए चार याचिकाएं वापस हो गई हैं। रमा भदौरिया की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि नगर निगम में अपना आवेदन दें और नगर निगम उस पर फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।
डीआरडीई के 200 मीटर के दायरे में हुए निर्माण को लेकर राजेश भदौरिया ने जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने नगर निगम से जवाब मांगा था। नगर निगम की ओर से बताया गया था कि महाराणा प्रताप नगर में अवैध निर्माण हुआ है। इनके पास निर्माण की अनुमति नहीं है। नगर निगम ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई शुरू कर दी।