Edited By Vikas Tiwari, Updated: 20 Jul, 2021 01:42 PM
मध्य प्रदेश के विदिशा के शमशाबाद के नटेरन में मौसम विभाग द्वारा इस बार सामान्य बारिश बताई गई थी। इस वजह से शमसाबाद नटेरन क्षेत्र के किसानों का रुझान धान की तरफ बढ़ा, और उन्होंने इस साल धान की फसल लगाई। पर मौसम की बेरुखी और लगभग एक माह से बारिश ना...
शमशाबाद: मध्य प्रदेश के विदिशा के शमशाबाद के नटेरन में मौसम विभाग द्वारा इस बार सामान्य बारिश बताई गई थी। इस वजह से शमसाबाद नटेरन क्षेत्र के किसानों का रुझान धान की तरफ बढ़ा, और उन्होंने इस साल धान की फसल लगाई। पर मौसम की बेरुखी और लगभग एक माह से बारिश ना होने के कारण किसानों की धान की फसल में खरपतवार हो गया, और धान मजबूरन किसानों को हंकाई करनी पड़ रही है। इस बार नटेरन, सेउ, राबन खाइखेड़ा, मुदरी चमराहा आदि गांव के किसानों ने पहली बार ज्यादा बारिश के अनुमान को लेकर बड़े अरमानों के साथ और बड़ी लगन से पहली बार धान बोई, और कुल लागत भी लगाई।
भारतीय किसान संघ मीडिया प्रभारी यशपाल रघुवंशी ने बताया कि औसतन एक किसान की 15 बीघा में धान 6500 रु कुंटल के भाव से तीन कुंटल धान जिसमें डीएपी खाद 3 बोरी व खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव भी करने के बाद आखिर में धान खराब हो रही है। जबकि लगभग 15 बीघा में अब तक 60 हजार की लागत लग चुकी है। आखरी में नतीजा जीरो है। सेऊ नटेरन के अमर सिंह महेंद्र रघुवंशी धर्मेन्द्र सहित नटेरन, व समस्बाद तहसील के दर्जनों किसान अपनी धान की फसल को ट्रेक्टर से हकाई कर चुके हैं और किसानों ने बताया कि मौसम विभाग के गलत अनुमान से किसानों को धान बौना घाटे का सौदा हो गया है, और अब समय भी नहीं रहा कि दूसरे अन्य किस्म की फसल भी न बो सकें।