Edited By suman, Updated: 29 Jan, 2019 12:20 PM
किसानों को लेकर कमलनाथ सरकार सख्त हो गई है और ''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' में लापरवाही करने वालों पर एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है। हाल ही में दो सागर और कटनी के सहकारी बैंकों के प्रबंधकों पर एफआईआर की गई थी।अब लापरवाही के चलते पांच कलेक्टरों...
भोपाल: किसानों को लेकर कमलनाथ सरकार सख्त हो गई है और 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' में लापरवाही करने वालों पर एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है। हाल ही में दो सागर और कटनी के सहकारी बैंकों के प्रबंधकों पर एफआईआर की गई थी। अब लापरवाही के चलते पांच कलेक्टरों सतना, अनूपपुर, भिंड, ग्वालियर और सागर को अल्टीमेटम दिया गया है।मिली जानकारी के अनुसार, यहां से किसानों की कर्जमाफी के आवेदन 70 फीसदी से कम आए है, जिसको लेकर सीएम कमलनाथ नाराज है।
सीएम कमलनाथ ने दिए निर्देश
दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने 'जय किसान फसल ऋण माफी योजना' की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों से समय पर ऋण माफ़ी की कार्रवाई पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टरों से कहा गया है कि, 'पात्र किसानों से आवश्यक दस्तावेज़ ही लिए जाए। ऐसे दस्तावेज़ जिनकी जरूरत नहीं है, उनकी मांग नहीं करे। जहां ऐसा करना अनिवार्य हो, वहीं दस्तावेज प्रस्तुत करने का आग्रह करें। कुछ जिलों से कर्ज़ माफ़ी की कार्रवाई में ढिलाई की रिपोर्ट मिलने पर मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को समय पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।'
मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक 53 लाख 18 हजार 757 ऋण खाता धारक किसानों में से लगभग 79 प्रतिशत यानि 42 लाख 4 हजार 463 किसानों ने ऋण माफी के लिए आवेदन पत्र भरकर प्रस्तुत कर दिए हैं। किसानों द्वारा प्रस्तुत ऋण माफी आवेदनों में से 14 लाख 29 हजार 879 किसानों के ऋण खाते पंच किए जा चुके हैं। वहीं प्रदेश के सहकारिता आयुक्त कार्यालय, भोपाल में योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष 25 जनवरी से कार्य कर रहा है। कुल 182 शिकायतें नियंत्रण कक्ष में अभी तक प्राप्त हुई हैं। पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष गठित किये गये हैं, जहां किसानों की शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं। कुल 342 शिकायतें अब तक प्राप्त हुई हैं।
शिकायतों पर हो रही सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर राज्य में ऋण प्रकरणों में गड़बड़ियों की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिन जिलों में किसानों के नाम से ऋण दिए जाने के मामले सामने आये हैं, वहां दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऋण वितरण में अनियमितता बरतने पर हरदा, सागर और ग्वालियर जिलों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। हरदा में एक संबंधित व्यक्ति को सेवा मुक्त करने के साथ ही तीन व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, इन्दौर में एक प्रकरण में दोषी व्यक्ति को सेवामुक्त किया गया है। इंदौर जिले में तीन कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जांच करने का निर्णय लिया गया है।