Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 07 May, 2019 11:58 AM
प्रदेश में रिश्वत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। सरकारी पदों पर बैठे मोटी मोटी तन्खवाह लेने वाले अधिकारी हर छोटे बड़े काम के लिए रिश्वत की मांग करते हैं और फिर जल्द ही उनका भंडफोड़ भी हो जाता है। ताजा मामला रतलाम से सामने आया है...
रतलाम: प्रदेश में रिश्वत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। सरकारी पदों पर बैठे मोटी मोटी तन्खवाह लेने वाले अधिकारी हर छोटे बड़े काम के लिए रिश्वत की मांग करते हैं और फिर जल्द ही उनका भंडफोड़ भी हो जाता है। ताजा मामला रतलाम से सामने आया है, जहां जिला शिक्षा अधिकारी को उनके ही दफ्तर में रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा गया, लोकायुक्त ने जैसे ही उन्हें रिश्वत के साथ पकड़ा उनके हाथों और चेहरे का रंग एक साथ उतर गया।
दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर चौहान को उनके ही दफ्तर स्कूल संचालक से 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धर दबोचा। लोकायुक्त की इस कार्रवाई से दफ्तर में हड़कंप मच गया। अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने जावरा तहसील के ग्राम बन्नााखेड़ा स्थित निजी स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर रिश्वत की मांग की थी। इससे पहले वे पचास हजार वसूल चुके थे। जिससे परेशान होकर बन्नााखेड़ा स्थित सांई पब्लिक स्कूल के संचालक सुखदेव पांचाल ने लोकायुक्त को शिकायत की थी।
छापेमारी के बाद लोकायुक्त एसपी उज्जैन ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी चौहान स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर रिश्वत की डिमांड कर रहा है और पहले ही पचास हजार वसूल चुका है। तीस हजार रुपए और देने पर बात तय हुई। इससे पहले की रिश्वत की रकम का लेन देन होता टीम ने मौके पर धावा बोल दिया और अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ लिया।