Edited By Vikas kumar, Updated: 10 Jan, 2019 01:59 PM
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ब्लॉग लिखते हुए राज्यपाल के ''हम सबकी सरकार कैसे प्रदेश का भविष्य संवारेगी'', इस पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा है कि हमारे सामने आर्थिक संदर्भों में क...
भोपाल: प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ब्लॉग लिखते हुए राज्यपाल के 'हम सबकी सरकार कैसे प्रदेश का भविष्य संवारेगी', इस पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा है कि हमारे सामने आर्थिक संदर्भों में कई चुनौतियाँ हैं, मगर चुनौतियों को अवसर में बदलने का नाम ही मध्यप्रदेश है। हम इस कठोर डगर पर सधे हुए कदमों से चलेंगे। बीजेपी के 15 वर्षों के इतिहास की गलतियों से सबक नहीं लेंगे तो भविष्य हमें माफ़ नहीं करेगा। हमारी मान्यता है कि किये हुए काम अपना प्रचार ख़ुद करते हैं, इसलिए हम सिर्फ़ कोरी घोषणाओं से बचेंगे और अपना सारा ध्यान काम पर लगाएंगे।
कमलनाथ ने ब्लॉग में आगे लिखा है कि ,'मध्यप्रदेश के नागरिकों ने नई सरकार को बदलाव के लिये चुना है। ये बदलाव सुशासन के लिये है। बीते 24 दिनों में बदलाव की पदचाप सुनाई देने लगी है। हम सरकार में से 'मैं और मेरी' हटाकर 'हमारी सरकार' की भावना स्थापित करना चाहते हैं। अब हर नागरिक गर्व से कह सकता है, 'मैं भी सरकार हूँ'। हम सही मायने में सत्ता की कमान प्रदेश के नागरिकों को सौंपना चाहते हैं। जब भी सत्ता 'व्यक्ति केंद्रित' होती है, तो प्रजातंत्र को नुकसान पहुंचता है। इसमें सामूहिकता का बोध होना चाहिए। सरकार ठीक से काम करे इसके लिए इसके लिये प्रतिपक्ष मज़बूत और ज़िम्मेदार होना चाहिये।' उन्होंने लिखा है कि 'हमारी लड़ाई प्रतिपक्ष के खिलाफ़ नहीं है। हमारी लड़ाई आर्थिक बदहाली, कुपोषण, अपराध, घटते रोज़गार के अवसर और कम होते औद्योगिक निवेश के खिलाफ़ है। अन्नदाता भाइयों को कठिनाइयों से उबारना है। कर्ज माफ़ी स्थाई समाधान नहीं है। उनकी बहुत बड़ी अपेक्षाएं नहीं हैं। वो सिर्फ़ अपनी फ़सलों के दाम चाहते हैं, ये हमें सुनिश्चित करना होगा।
महिलाओं के लिए भी लिखी ये बातें
कमलनाथ ने लिखा है कि 'बेटियां देवियों का स्वरूप हैं। उनके सशक्तिकरण के लिए कदम उठा रहे हैं। उनके ससुराल जाने के वक्त 51 हज़ार रु. देकर पिता का फ़र्ज निभा रहे हैं। बेटियां खुशी मनाती हैं, तो तरक्की मुस्कुराती है। युवाओं के बारे में कमलनाथ ने लिखा है कि प्रदेश का उज्जवल भविष्य युवाओं में निहित है। उनको अवसर प्रदान किये जाएंगे, तो हम तरक्की की पायदान चढ़ते जाएंगे। ये तब ही संभव है जब मध्यप्रदेश में निवेश हो और वो सिर्फ़ बड़े आयोजनों से आकर्षित नहीं होगा। बड़े कदम उठाने की ज़रूरत है। लाल फीता शाही ख़त्म कर लाल कारपेट बिछाने होंगे।' उन्होंने आगे लिखा है कि 'गौ माता के लिए गौ शाला हो, भगवान राम का वनगमन पथ या नर्मदा जैसी शास्त्रीय नदियों की अविरलता हो, हम अपने वचन-पत्र के प्रति पूरी प्रतिबद्धता से काम करेंगे।' 'मध्यप्रदेश देश का वो राज्य है जहां सबसे ज़्यादा आदिवासी रहते हैं और प्रदेश के विकास में भरपूर साथ देते हैं। अब हमें उनका साथ देने की जरूत है। हम अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग, हर वर्ग के हाथों में लेकर हाथ चलेंगे।'