Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 28 Feb, 2019 12:39 PM
जिले में इन दिनों अफीम की फसल पक गई है, जिसमें से अफीम निकालने का काम चल रहा है।यहां के किसान खेतों में लहलहाती अफीम की फसल को देखकर यहां एक ओर खुश हो रहे हैं। वहीं यहां के तोते उनकी आशाओं पर पानी फेर रहे हैं। अफीम खाने के शौकीन ये तोते इतने शातिर...
मंदसौर: जिले में इन दिनों अफीम की फसल पक गई है, जिसमें से अफीम निकालने का काम चल रहा है।यहां के किसान खेतों में लहलहाती अफीम की फसल को देखकर यहां एक ओर खुश हो रहे हैं। वहीं यहां के तोते उनकी आशाओं पर पानी फेर रहे हैं। अफीम खाने के शौकीन ये तोते इतने शातिर हैं कि सुबह से लेकर शाम तक अफीम पर मंडराते रहते हैं और मौका मिलते ही बड़ी फुर्ती से अफीम को तोड़कर उसे अपनी चोंच में दबाकर उड़ जाते हैं और बड़े मजे से अफीम खाते रहते हैं।
पहले से ही मौसम की मार झेल चुके किसानों के लिए ये अफिमी तोते उनके लिए सिरदर्द बन चुके हैं।इन अफीमची तोतों की वजह से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। ये तोते इतने शातिर हैं और अफीम छुड़ाने में इतने एक्सपर्ट भी बन गए हैं कि किसान की नजर झुकते ही यह अपनी चोंच की सफाई दिखा जाते हैं। अफीम के एक डोडे में कम से कम 20 से 25 ग्राम अफीम तो निकलती ही है, ऐसे में ये नशेड़ी तोते दिन भर में 30 से 40 बार अफीम चुराते हैं जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है।
अफीम खाने के शौकीन इन तोतों का इतिहास अफीम की पैदावार के समय से ही है जो पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है। इन तोतों से निपटने के लिए किसान और उनका परिवार दिन भर खेतों की रखवाली करते हैं। जालियां लगाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, आवाज लगाते हैं, लेकिन इन सारे प्रयासों के बावजूद ये तोते बड़ी शातिरता से अफीम चुराने में सफल हो ही जाते हैं। ऐसे में किसान इन तोतों को अफीम ले जाते हुए बेबस नजरों से देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकता।