Edited By Jagdev Singh, Updated: 11 Nov, 2019 11:43 AM
मध्यप्रदेश सरकार फिर से सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस शुरू करने जा रही है। वहीं सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आगामी शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जा सकती है। अधिकारियों का...
जबलपुर: मध्यप्रदेश सरकार फिर से सरकारी स्कूलों में ई-अटेंडेंस शुरू करने जा रही है। वहीं सरकारी स्कूल के शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। आगामी शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जा सकती है। अधिकारियों का मानना है सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति बहुत कम है, इससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। जांच में भी यह पाया गया कि 55 प्रतिशत शिक्षक स्कूल नहीं जाते हैं और कुछ स्कूल तो जाते हैं परंतु आधे समय बाद लौट जाते हैं।
मोबाइल शिक्षक ऐप के माध्यम से ई-अटेंडेंस को लेकर शिक्षक इसलिए भयभीत हैं कि इससे आने-जाने के समय की मॉनीटरिंग होने लगेगी। इस सॉफ्टवेयर से शिक्षक की लोकेशन भी पता चलेगी कि वह स्कूल में है या कहीं ओर से अटेंडेंस दे रहा है। मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग में 50 हजार विभिन्न् संवर्ग के शिक्षक हैं। इन शिक्षकों के मोबाइल नंबरों को अपडेट कर सर्वर से फिर जोड़ा जाएगा। मॉनीटरिंग के लिए भोपाल में मुख्य सर्वर लगाने की तैयारी की जा रही है।
वहीं 2016 में सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की जनहित याचिका पर मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ ने ई-अटेंडेंस पर रोक लगा दी थी। मध्यप्रदेश सरकार ने 2017 में फिर इसे सख्ती से लागू किया। एक अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद फिर अटेंडेंस व्यवस्था ठंडे बस्ते में चली गई। फिर इसे 11 जून से लागू कर दिया गया। 2018 के जून-जुलाई में शिक्षकों के विरोध के बाद सरकार को एक बार फिर से निर्णय बदलना पड़ा था।