Edited By suman, Updated: 11 Apr, 2019 12:29 PM
सीएम कमलनाथ के करीबियों पर छापेमार कार्रवाई के बाद कांग्रेस अब एक्शन मोड में आ गई हैं। वहीं एमपी के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद बीजेपी के शासनकाल में रहे कई नेता जांच के घेरे में आ गए हैं। जिन पांच विभागों के 9 टेंडरों...
भोपाल: सीएम कमलनाथ के करीबियों पर छापेमार कार्रवाई के बाद कांग्रेस अब एक्शन मोड में आ गई हैं। वहीं एमपी के बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद बीजेपी के शासनकाल में रहे कई नेता जांच के घेरे में आ गए हैं। जिन पांच विभागों के 9 टेंडरों में 3000 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला हुआ है, उन विभागों की जिम्मेदारी शिवराज सरकार में मंत्री रहे कुसुम मेहदेले, नरोत्तम मिश्रा और रामपाल पर थी। ईओडब्ल्यू ने मामले में अज्ञात राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक जल निगम और पीएचई में सबसे ज्यादा घोटाला हुआ है।
दरअसल, ईओडब्ल्यू ने ई टेंडरिंग घोटाले में कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की तकनीकी जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। मिली जानकारी के अनुसार, जल निगम में 1800 करोड़, सड़क विकास निगम में 8 करोड़, लोक निर्माण विभाग में 14 करोड़, जल संसाधन विभाग में 1135 करोड़, पीआईयू में 15 करोड़ का ई टेंडरिंग घोटाला हुआ है।