Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 19 Apr, 2019 10:42 AM
जिलाधिकारी ने लोकसभा चुनाव में ड्यूटीरत कर्मचारियों के टीशर्ट और कुर्ता -पायजामा पहनने पर रोक लगा दी है। यह अजब फरमान जारी करते हुए जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने कहा कि कोई भी कर्मचारी कैजुअल ड्रेस में ड्यूटी पर नहीं आएगा...
ग्वालियर: जिलाधिकारी ने लोकसभा चुनाव में ड्यूटीरत कर्मचारियों के टीशर्ट और कुर्ता -पायजामा पहनने पर रोक लगा दी है। यह अजब फरमान जारी करते हुए जिलाधिकारी अनुराग चौधरी ने कहा कि कोई भी कर्मचारी कैजुअल ड्रेस में ड्यूटी पर नहीं आएगा।
दरअसल, बुधवार को उम्मीदवारों को मतदाता सूची दिखाने वाले कर्मचारियों ने टीशर्ट और कुर्ता-पायजामा पहना हुआ था। इसपर जिलाधिकारी ने आपत्ति जताई थी और उन्हें डांटा था। जिसके बाद सभी कर्मचारी शर्ट और पैंट पहनकर कार्यालय पहुंचे। अपने फरमान पर जिलाधिकारी चौधरी ने कहा, 'टीशर्ट और कुर्ता किसी भी सरकारी कर्मचारी का ड्रेस कोड नहीं होता है। कर्मचारी यदि कैजुअल ड्रेस में होगा तो वह सरकारी अमले जैसा नहीं दिखाई देगा। इसी कारण कैजुअल ड्रेस में आने पर प्रतिबंध लगाया गया है।' हालांकि कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में कैजुअल ड्रेस में आने की इजाजत है। विशेष परिस्थितियों में अचानक घर से आना और स्वास्थ्य कारण शामिल है।
कांग्रेस के प्रांतअध्यक्ष कर्मचारी रवींद्र त्रिपाठी ने कहा, 'सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों को इस तरह की ड्रेस पहननी चाहिए जिससे कि शालीनता बनी रहे और वह कर्मचारी जैसा लगे। कार्यालय में अधिकारियों के भी टीशर्ट और कुर्ता-पायजामा पहनने पर रोक होनी चाहिए। कई बार अधिकारी ही जींस और टीशर्ट में कार्यालय पहुंच जाते हैं।'