Edited By shahil sharma, Updated: 01 Feb, 2021 06:29 PM
लॉकडाउन के समय दुर्घटना में युवक के हाथ और पैर पर फैक्चर हो जाने की वजह से रॉड डाली गई थी। चिकित्सीय लापरवाही के चलते जख्म नासूर बन गया। जख्म से पस बहने लगी। नागपुर मेडिकल कॉलेज ने पीड़ित को वापस छिंदवाड़ा अपने घर भेज दिया। ऐसे में जब परिजन परेशान...
छिंदवाड़ा (साहुल सिंह सराठे): शासन प्रशासन प्रतिनिधि नेता सरकार सब मानव अधिकार की दुहाई देते नहीं थकते। जनता का शासन जनता के लिए अब धुंधला होता नजर आ रहा है।
ऐसा ही शर्मसार कर देने वाला मामला सोमवार को छिंदवाड़ा कलेक्ट्रेट ऑफिस में सामने आया। लॉकडाउन के समय दुर्घटना में युवक के हाथ और पैर पर फैक्चर हो जाने की वजह से रॉड डाली गई थी।
चिकित्सीय लापरवाही के चलते जख्म नासूर बन गया। जख्म से पस बहने लगी। नागपुर मेडिकल कॉलेज ने पीड़ित को वापस छिंदवाड़ा अपने घर भेज दिया। ऐसे में जब परिजन परेशान होकर जिला चिकित्सालय पहुंचे तो जिला चिकित्सालय में भी चिकित्सीय सुविधा के अभाव में ना सिर्फ पीड़ित व्यक्ति बल्कि परिजन भी तड़पते रहे, लेकिन देखने सुनने वाला कोई नहीं मिला।
हताश परेशान होकर परिजन कलेक्टर कार्यालय के प्रांगण में पहुंचकर धरने पर बैठ गए। हालांकि अतिरिक्त कलेक्टर आदित्य एवं मीडिया के सपोर्ट से 108 एंबुलेंस की मदद से पीड़ित को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार शुरू किया गया। शर्मसार कर देने वाला ये मामला मानवीय अधिकारों की अवहेलना तो है ही साथ ही दिल को झकझोर देने वाला भी है कि आखिर क्यों शासन, प्रशासन और चिकित्सा विभाग अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करता।