Edited By suman, Updated: 02 Apr, 2019 11:35 AM
एमपी में सरकार बदली, सत्ताधारी पार्टी बदली, लेकिन किसानों की बदहाली की तस्वीर नहीं बदल पाई। आलम यह है कि किसानों की कर्जमाफी के बाद भी उनकी मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। प्रदेश में एक बार फिर किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की कोशिश की है।...
जबलपुर: एमपी में सरकार बदली, सत्ताधारी पार्टी बदली, लेकिन किसानों की बदहाली की तस्वीर नहीं बदल पाई। आलम यह है कि किसानों की कर्जमाफी के बाद भी उनकी मौत का सिलसिला नहीं थम रहा। प्रदेश में एक बार फिर किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की कोशिश की है। गंभीर हालत में उसे जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
कर्जमाफ न होने पर खाया जहर
मिली जानकारी के अनुसार, नरसिंहपुर के किसान वीरेंद्र के पास साढ़े तीन एकड़ जमीन है जो कि उसके पिता के नाम है। वीरेंद्र और उसका बड़ा भाई संदीप खेती कर परिवार का पालन पौषण करते है। हाल ही में सरकार से आश्वशन मिला था कि 2 लाख तक के कर्ज को मध्यप्रदेश सरकार माफ कर देगी पर जब 25 मार्च को वीरेंद्र के पास मोबाइल में मैसेज आया कि आपका कर्ज किसी कारणवश माफ नहीं हो पाया है। जिसके चलते वह परेशानी में आ गया और अपनी बहन के घर जाकर जहर खा लिया। परिजनों की मांग है कि प्रदेश सरकार अपना वादा निभाते हुए उनका कर्ज माफ करे।