Edited By meena, Updated: 06 Feb, 2021 07:04 PM
केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई बढ़ती जा रही है। 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली के बाद किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्काजाम का आह्वान किया था। जिसका असर मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी देखने को मिला।...
मंदसौर(प्रीत शर्मा): केंद्र सरकार द्वारा लागू किये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई बढ़ती जा रही है। 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली के बाद किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्काजाम का आह्वान किया था। जिसका असर मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी देखने को मिला। मंदसौर में किसानों ने महू-नीमच हाइवे पर धरना देकर चक्काजाम किया। जहां कांग्रेस कार्यकर्ता भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन कृषि कानूनों पर सरकार और किसान की तकरार बढ़ती जा रही है। पूर्व में प्रदर्शनों के बाद आज फिर किसान संगठनों ने देशभर में हाइवे जाम करने की रणनीति बनाई थी। जिसके तहत देश के कई हिस्सों में चक्काजाम का असर देखने को मिला। मन्दसौर में भी किसानों ने महू- नीमच फोरलेन हाईवे पर स्थिति सिंदपन फंटे के यहां धरना प्रदर्शन किया।
दोपहर 12 बजे से शुरू हुए धरने में कांग्रेस नेताओ ने भी सहभागिता की। धरने के दौरान कृषि कानूनों को लेकर किसान और कांग्रेस नेताओं ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की।
चक्काजाम के दौरान किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए पूर्व से ही मौके पर भारी पुलिस बल लगाया गया था। इसके अलावा मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ फायर फाइटर भी मौजूद थी। लेकिन चंद मिनिटों के चक्काजाम के कारण फोरलेन हाईवे पर दोनों ओर वाहनों की लंबी लाइन लग गई। जिससे लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि प्रदर्शन समाप्त होने के बाद पुलिस ने जाम खुलवाया और यातायात को सुचारू किया।