खाद बंदी बनी किसानों के लिए सिरदर्दी, पढ़िए पूरा मामला

Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 31 Dec, 2018 02:40 PM

farmers can not find fertilizer read full case for farmers

जिले में किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जिससे मेहनतकश अन्नदाता किसान बहुत परेशान है। एक तरफ जहां किसानों को फसल बेचने के लिए हाड़तोड़ ठंड में रात को खुले मैदानों में सोना पड़ता है...

छत्तरपुर: जिले में किसानों को खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जिससे मेहनतकश अन्नदाता किसान बहुत परेशान है। एक तरफ जहां किसानों को फसल बेचने के लिए हाड़तोड़ ठंड में रात को खुले मैदानों में सोना पड़ता है। वहीं खाद के लिए लंबी कतारों में लगाना पड़ता है। 

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बता दें कि, जिल में अधिकारियों की नाक के नीचे सरेआम भ्रष्टाचार और लापरवाही बरती जा रही है। किसानों के हालात बद से बदतर बने हुए हैं। जहां एक तरफ किसानों की फ़सल शुरुआती शबाब पर हैं। वहीं उनके लिए खाद की मारामारी अड़चन बनी हुई है। यहां किसानों को घंटों नहीं बल्कि कई-कई दिनों तक लाईन में लगा रहना पड़ता है। आलम यह है कि किसानों को दिन-रात भूखा प्यासा तक रहना पड़ता है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशाशन का अपने अधिनस्तों पर कोई कमांड नहीं है।

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कतार में लगे किसानों का कहना है कि खाद के लिए लगी लंबी-लंबी कतारें नोटबन्दी की याद दिलाती हैं। उन्होंने अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि जिनके पास 3 एकड़ जमीन है, उन्हें भी 2 बोरी खाद और जिनके पास 10 एकड़ है उन्हें भी 2 बोरी खाद ही  मिल रही है। इतना ही नहीं 2 बोरी खाद के लिए भी कई-कई दिनों तक लाईन में लगना और जागना पड़ता है। 

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किसानों ने खाद न मिलने पर पूर्व में जिला मुख्यालय के किसान सेवा केंद्र के सामने बस स्टैंड पर और NH पर जाम भी लगाया था जिसे पुलिस और प्रशाशन द्वारा भारी मशक्कत से हटवाया गया था। लेकिन स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा।

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वहीं जब इस मामले मामले संबंधी प्रशासनिक अधिकारियों से बात की तो उन्होंने वही रटा-रटाया जवाब दिया कि इस मामले को देखते हैं।

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