Edited By Vikas kumar, Updated: 25 Sep, 2018 03:53 PM
उज्जैन में भाद्रपद की पूर्णिमा पर सोमवार को श्राद्ध का आरंभ हुआ। जिसके लिये बड़ी संख्या में लोग सिद्धवट, रामघाट और गयाकोठा तीर्थ पर पितरों की तृप्ति पिंडदान करने पहुंचे। इसके
उज्जैन: उज्जैन में भाद्रपद की पूर्णिमा पर सोमवार को श्राद्ध का आरंभ हुआ। जिसके लिये बड़ी संख्या में लोग सिद्धवट, रामघाट और गयाकोठा तीर्थ पर पितरों की तृप्ति पिंडदान करने पहुंचे। इसके बाद ब्राह्मणों को दान, गरीबों को भोजन व गायों को चारा डालकर धर्मलाभ लिया गया।
मान्यता है कि इस दिन जिन परिवारों में पूर्वजों का निधन हो जाता है उन्हीं पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। कहा जाता है कि अगर पितर नाराज हो जाते हैं तो व्यक्ति का जीवन खुशहाल नहीं रहता है उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, घर में अशांति बनी रहती है और व्यापार में भी काफी समस्याओं का सामना करना पडता है। ऐसे में पितरों को तृप्त करने व उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना जरूरी माना जाता है।