Edited By Prashar, Updated: 23 Aug, 2018 12:40 PM
मंदसौर जिला अधिकारियों की लापरवाही के चलते नीमच के कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। दरअसल बुधवार को मंदसौर में जिला अधिकारियों ने नीमच प्रशासन को बगैर सूचना दिए रेतम बैराज के 14 गेट खोल दिए। जिससे नीमच जिला को 12 गांव पानी-पानी हो गए। इस दौरान...
मंदसौर : मंदसौर जिला अधिकारियों की लापरवाही के चलते नीमच के कई गांवों में बाढ़ के हालात बन गए। दरअसल बुधवार को मंदसौर में जिला अधिकारियों ने नीमच प्रशासन को बगैर सूचना दिए रेतम बैराज के 14 गेट खोल दिए। जिससे नीमच जिला को 12 गांव पानी-पानी हो गए। इस दौरान लोगों ने घर की छतों पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
गौरतलब है कि रतलाम, नीमच, मंदसौर जिले में दो दिन से जारी भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर है। 24 घंटे में रतलाम जिले में 3.07 इंच, मंदसौर जिले में 5 तथा नीमच जिले में साढ़े 3 इंच बारिश हुई। भारी बारिश के चलते मंदसौर के मल्हारगढ़ तहसील में गाडगिल सागर भरने से इसके 7 गेट और उसके बाद रेतम बैराज के 14 गेट खोलने पड़े। इससे नीमच जिले की मनासा व जीरन तहसील के गई गांवों में बाढ़ जैसे हालत बन गए। दो गांव में सड़क बह गई।
नीमच कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने कहा बताया कि मंदसौर के जल संसाधन विभाग ने रात में रेतम बैराज से पानी छोड़ने की सूचना नहीं दी थी। बिना सूचना के पानी छोड़ने से मनासा गांवों में हालात बिगड़े। हालांकि हमने स्थिति संभालने के लिए पूरा अमला लगा दिया। पानी छोड़ने की सूचना पहले दी जानी थी।
वहीं मदसौर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव का कहना है कि गेट खोलने से पहले सूचित करने का काम सिंचाई विभाग का था। मुझे भी इसकी सूचना सुबह 7.30 बजे मिली। विभाग के अधिकारियों से नीमच को सूचित करने के बारे में पूछा तो जवाब मिला था कि नीमच को सूचना दे दी है। अगर समय रहते सूचित नहीं किया है तो यह गंभीर लापरवाही है। इसे लेकर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।