OBC आरक्षण की Inside story: CM शिवराज के इन प्रयासों से मिली सरकार को ऐतिहासिक जीत

Edited By Devendra Singh, Updated: 18 May, 2022 06:13 PM

government got a historic victory due to the efforts of cm shivraj

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) के पिछड़े वर्ग के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता और लगातार प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) इस इस मुद्दे पर शुरू से ही काफी गंभीर थे।

भोपाल: आज सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (OBC Class) को आरक्षण (Reservation) के साथ स्थानीय निकाय चुनाव (local body election) कराने का फैसला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) के पिछड़े वर्ग के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता और लगातार प्रयासों का परिणाम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan) इस इस मुद्दे पर शुरू से ही काफी गंभीर थे। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार के स्तर पर पूरी सतर्कता रखतेे हुए हर कदम पर हर जरूरी एक्शन लिया है। उन्होंने पहले सरकार के स्तर पर और बाद में कानूनी कार्यवाही में, दोनों ही जगह पूरी तत्परता से कार्य किया है 

उन्होंने पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिये ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग (State Backward ClassesWelfare Commission) का गठन किया। आयोग ने पूरे प्रदेश में सघन एवं निचले स्तर तक सर्वे कराकर पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के संबंध में उनकी अनुशंसा सरकार को दी। इसके बाद आयोग ने दूसरी रिपोर्ट भी दी।

हाल ही में सुरेश महाजन बनाम मध्यप्रदेश के राज्य और अन्य केस में मध्यप्रदेश की जीत में यह बिंदू महत्वपूर्ण थे।

  • उच्चतम न्यायालय (supreme court) के संज्ञान में यह लाया गया कि परिसीमन की प्रक्रिया न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 10.05.2022 से पहले ही पूरी हो चकी थी। इसिलए, चूंकि परिसीमन पूरा हो गया है, इसे उक्त स्थानीय निकाय चुनाव (local body election) में लागू करने की अनुमित दी जाये।
  • अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की दूसरी रिपोर्ट भी उच्चतम न्यायालय (supreme court) के समक्ष प्रस्तुत की गई। उच्चतम न्यायालय ने दोनों रिपोर्ट का अनुसरण किया। उच्चतम न्यायालय (supreme court) द्वारा किये गये सभी प्रश्न के जवाब मिलने के बाद, उच्चतम न्यायालय (supreme court) प्रथम दृष्टया संतुष्ट थी कि ओबीसी आयोग (OBC Commission) के स्थानीय निकायों में पिछड़ेपन की प्रकृति और समसामयिकी का गहन अध्ययन कर उसके क्रियान्वयन को समझ लिया और तदनुसार ओबीसी के लिए आरक्षण कोटा की सिफारिश की। 

आज सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त आधारों पर राज्य को ओबीसी कल्याण आयोग (OBC Welfare Commission) की रिपोर्टों के आधार पर ओबीसी के लिए नवीनतम आरक्षण कोटा अधिसूचित करने की अनुमति दी है और राज्य को एक सप्ताह के भीतर ओबीसी (OBC) के लिए नवीनतम आरक्षण कोटा अधिसूचित करने का आदेश दिया है।  

अब राज्य चुनाव आयोग (state election commission) नवीनतम परिसीमन और ओबीसी के लिए नवीनतम आरक्षण कोटा पर बिना किसी देरी के चुनाव कराने के लिए कदम उठाएगा।     

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