Edited By suman, Updated: 23 Jan, 2019 09:58 AM
मध्यप्रदेश सरकार किसानों को ''रियल टाइम वॉलेट'' मुहैया कराने जा रही है। इस वॉलेट में फसल के रकबे के हिसाब से 15 हजार से 45 हजार रूपये तक की लिमिट रहेगी। किसानों के पास अगर नगद नहीं भी होता है तो वह सहकारी समिति से खाद, बीज और कीटनाशक वॉलेट के जरिए...
भोपाल: मध्यप्रदेश सरकार किसानों को 'रियल टाइम वॉलेट' मुहैया कराने जा रही है। इस वॉलेट में फसल के रकबे के हिसाब से 15 हजार से 45 हजार रूपये तक की लिमिट रहेगी। किसानों के पास अगर नगद नहीं भी होता है तो वह सहकारी समिति से खाद, बीज और कीटनाशक वॉलेट के जरिए ले सकेगा।
वॉलेट में जमीन का रकबा, फसल का ब्योरा, घर की सारी जानकारी से लेकर दुधारू पशुओं को लगाने वाले इंजेक्शन तक का ब्योरो दर्ज होगा। इसके लिए सहकारी बैंकों को डिजिटल किया जाएगा। ऐप से पूरे प्रदेश की जमीन कनेक्ट होगी। इनका डेटा कृषि विभाग के पास रियल टाइम अपडेट होगा और इसी के जरिए कृषि विभाग को पता चल सकेगा की कहां, किस फसल की कैसी पैदावार होगी।
सरकार द्वारा किसानों को मुहैया किए जाने वाले वॉलेट के किसानों को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। कृषि मंत्री सचिन यादव के अनुसार 'इस ऐप से किसानों सहित सरकार को 3 माह पहले पता चल जाएगा कि किस इलाके में किस उपज की बंपर आवक होगी। फसलों की पैदावार के अनुसार स्पेशल क्लाइंट जोन बनाए जाएंगे। किसान बिना दलाल के अपनी फसल उचित दाम पर बेच पाएंगे. ऐप से सरकार को उर्वरक की मांग भी पता चल जाएगी. इसके अलावा रियायत और शिकायत भी ऐप पर मिलेगी. किसानों को रकबे में की फसलों की किस्म और क्षेत्र का कृषि विभाग के पास रिकॉर्ड रहेगा।'
इस मामले में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि 'किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ने का काम भाजपा सरकार पहले की कर चुकी हैं। कांग्रेस नए नाम के साथ भाजपा की योजनाओं का श्रेय न लें। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही कमलनाथ अपने वचनों को पूरा करने पर फोकस कर रही है।'