Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 24 Aug, 2018 03:50 PM
जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर गैरतगंज तहसील के ग्राम संदूक में ग्रामीणों ने शिवराज शासन को आईना दिया है। आवागमन में रुकावट पैदा कर रही एक नदी पर ग्रामीणों ने मिलकर बांस के पुल का निर्माण कर दिया। शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के ठेंगा दिखाने...
मध्यपदेश(रायसेन): जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर गैरतगंज तहसील के ग्राम संदूक में ग्रामीणों ने शिवराज शासन को आईना दिया है। आवागमन में रुकावट पैदा कर रही एक नदी पर ग्रामीणों ने मिलकर बांस के पुल का निर्माण कर दिया। शासन प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के ठेंगा दिखाने के बाद ग्रामीणों ने सरकारी मशीनरी को पुल का निर्माण कर करार जवाब दिया है। हद तो यह है कि यह इलाका प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री का है, हैरत वाली बात यह भी है कि इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज भी करती हैं। सबसे अधिक परेशानी वाली बात यह है कि बारिश में नदी के लबालब भरने के कारण ग्रामीण 4 माह तक गांव में कैद हो कर जाते थे, वहीं स्कूली बच्चे उफनती नदी में से ही जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर थे। इन हालातों के चलते ग्रामीणों ने बांस का पुल बनाया है।
कलेक्टर एस प्रिया मिश्रा ने बताया कि बांस के पुल को हटाने के निर्देश गैरतगंज की अनुविभागीय अधिकारी मोहिनी शर्मा को दिए गए हैं। जबकि मोहिनी शर्मा ने बताया कि राजस्व ओर पुलिस अमले को ग्रामीणों ने पुल नहीं हटाने दिया है। तहसील के ग्राम संदूक के बीचों बीच से निकली नदी के कारण गांव के लोग कई वर्षो से परेशान हैं। गांव के बच्चे नदी पर पुल नहीं के कारण पानी से लबालब भरी नदी को कपड़े उतारकर जान जोखिम में डालकर पार करने मजबूर होते थे। ग्रामीणों ने इस नदी पर पुल बनवाने के लिए शासन, प्रशासन स्तर पर कई बार अनुरोध किया। यहां तक कि यहां के जनप्रतिनिधियों के आगे कई बार पुल बनवाने का निवेदन किया। परन्तु ग्रामीणों की समस्या को हल करने में किसी ने रूचि नहीं ली।
बीते लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में ग्रामीणों ने पुल के निर्माण नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त किया था। एवं चुनाव में मतदान नहीं करने का निर्णय ले लिया। लेकिन तात्कालिक एसडीएम के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने मतदान में भागीदारी की। चुनावों के 4 वर्ष निकल बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों की समस्या का हल नही हुई। अंत ग्रामीणों ने खुद एकजुट होकर बांस के अस्थाई पुल का निर्माण नदी पर कर दिया। जिस पर से होकर छात्र छात्राएं एवं ग्रामीण आवागमन कर रहे है। ग्रामीणों ने आवागमन के लिए खुद एकजुट होकर पुल तो बना लिया परन्तु उनके द्वारा बनाया गया पुल तकनीकी रूप से कितना मजबूत है इस पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है।