Edited By Jagdev Singh, Updated: 15 Dec, 2019 11:50 AM
ग्वालियर के कलेक्टर अनुराग चौधरी अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपने ग्वालियर कलेक्टर के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। इसमें बंदूक का लाइसेंस बनवाने वालों से एक शर्त रखी है और वो यह कि अगर किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो...
भोपाल (इजहार हसन खान): ग्वालियर के कलेक्टर अनुराग चौधरी अपने एक ट्वीट को लेकर चर्चाओं में हैं। उन्होंने अपने ग्वालियर कलेक्टर के ऑफिशल टि्वटर हैंडल से एक ट्वीट किया है। इसमें बंदूक का लाइसेंस बनवाने वालों से एक शर्त रखी है और वो यह कि अगर किसी को बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो उसे कम से कम 10 कंबल दान करने पड़ेंगे। कलेक्टर ने ट्वीट कर लिखा "बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो गौशाला में दान करने होंगे कम से कम 10 कंबल"
शनिवार को कलेक्टर अनुराग चौधरी गौ सेवकों की बैठक में गए थे। जहां गौ माता को ठंड से बचाने के उपायों पर चर्चा हुई। इसी कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर ने यह शर्त रखी कि बंदूक के लाइसेंस के लिए 10 कंबल दान करना जरूरी हैं। इसकी जानकारी उन्होंने बाकायदा कलेक्टर ग्वालियर के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीटकर दी। यह कलेक्टर अनुराग चौधरी की पहली ऐसी शर्त नहीं है जो चर्चाओं में है। इससे पहले भी अनुराग चौधरी बंदूक का लाइसेंस बनवाने वालों के सामने शर्त रख चुके हैं कि वो लाइसेंस के बदले 10 पौधे लगाएं। ग्वालियर, भिंड, मुरैना समेत ग्वालियर-चंबल संभाग में बंदूक रखने को प्रतिष्ठा माना जाता है। इसलिए प्रदेश में सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस इसी संभाग के लोगों के पास हैं।
2010 बैच के आईएएस अनुराग चौधरी छिंदवाड़ा में असिस्टेंट कलेक्टर, रायसेन और झाबुआ में जिला पंचायत सीईओ और सिंगरौली में कलेक्टर रह चुके हैं। वो जहां भी रहें अपने नवाचरों के लिए काफी चर्चाओं में रहे हैं। वो जहां रहे हैं वहां पर लोग आज भी उनको नवाचरो के लिए याद करते हैं।