आयकर विभाग हनी ट्रैप केस में गिरफ्तार महिलाओं से जब्त इलेक्ट्रोनिक सबूतों के लिए जाएगा HC

Edited By Jagdev Singh, Updated: 15 Jan, 2020 05:29 PM

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आयकर विभाग को हनी ट्रैप केस में गिरफ्तार हाई प्रोफाइल महिलाओं से जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्री और इलेक्ट्रोनिक सबूतों की जरूरत है। इसके लिए आयकर विभाग जल्दी ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर ब्रांच का दरवाजा खटखटाएगा। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी...

भोपाल: आयकर विभाग को हनी ट्रैप केस में गिरफ्तार हाई प्रोफाइल महिलाओं से जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्री और इलेक्ट्रोनिक सबूतों की जरूरत है। इसके लिए आयकर विभाग जल्दी ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर ब्रांच का दरवाजा खटखटाएगा। आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

आयकर विभाग ने हनी ट्रैप केस की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम से ये सबूत सौंपने के लिए कहा था, लेकिन एसआईटी ने ये कह कर सबूत सौंपने से इनकार किया था कि केस की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में हो रही है। ऐसे में कोर्ट की अनुमति के बिना केस से जुड़ी कोई भी सामग्री किसी भी एजेंसी को नहीं सौंपी जा सकती। आयकर विभाग ने पहले केस में गिरफ्तार की गई 5 में से 3 महिलाओं (श्वेता विजयजैन, आरती दयाल और श्वेता स्वप्निल जैन) को जेल में नोटिस भेजे थे।

आयकर विभाग ने ये कदम एसआईटी की ओर से दो चार्जशीट्स में दी गई नकदी और जेवरात की जानकारी के बाद उठाया था। ये चार्जशीट्स दो केस में दाखिल की गई थी जो आपस में जुड़े हुए हैं। एसआईटी ने कोर्ट को आयकर विभाग के इस कदम के बारे में सूचित किया। कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आयकर विभाग ने सोमवार को श्वेता विजय जैन से और मंगलवार को आरती दयाल से पूछताछ की। वहीं श्वेता स्वप्निल जैन से आयकर विभाग आज पूछताछ कर सकता है।

एक टॉप आयकर अधिकारी ने बताया कि तीन अभियुक्त महिलाओं से मौजूदा पूछताछ का मकसद ये पता लगाना है कि उनसे जब्त की गई रकम का स्रोत क्या था। आयकर विभाग एसआईटी की ओर से जुटाए गए और सबूतों की क्यों मांग कर रहा है, इस सवाल पर सूत्र ने बताया, ‘एसआईटी ने अपनी चार्जशीट में कुछ अधिकारियों का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने इन महिलाओं को करोड़ों रुपए दिए। हमारा निश्चित मकसद रकम के वास्तविक स्रोत तक पहुंचना है। इसलिए हमें सभी सबूतों की दरकार है।’

एसआईटी की ओर से पहले ही कोर्ट मे कहा जा चुका है कि अभियुक्तों से जुटाए गए सारे इलेक्ट्रोनिक सबूत फॉरेंसिक जांच के लिए हैदराबाद भेजे गए हैं और वहां की लैबोरेट्री को अपनी रिपोर्ट सौंपने में 6 से 8 महीने लगेंगे। एसआईटी की ओर से दाखिल एक चार्जशीट में भोपाल के दो पत्रकारों का भी नाम लिया गया है। चार्जशीट के मुताबिक इन पत्रकारों ने बिचौलिए की भूमिका निभाई और अभियुक्तों के साथ रकम बांटी। आयकर विभाग की ओर से इन दोनों पत्रकारों को भी समन किए जाने की संभावना है।

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