Edited By suman, Updated: 08 Aug, 2018 06:36 PM
हाईकोर्ट ने कमिश्नर, कलेक्टर और IG से कहा कि वे शपथ-पत्र पर 10 दिन में बताएं कि मासूमों से लगातार हो रही दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए क्या इंतजाम हैं। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
जनहित याचिका एडवोकेट अंशुमन श्रीवास्तव ने दायर की है।...
इंदौर : हाईकोर्ट ने कमिश्नर, कलेक्टर और IG से कहा कि वे शपथ-पत्र पर 10 दिन में बताएं कि मासूमों से लगातार हो रही दुष्कर्म की वारदातों को रोकने के लिए क्या इंतजाम हैं। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। जनहित याचिका एडवोकेट अंशुमन श्रीवास्तव ने दायर की है। इसमें कहा है कि प्रदेश में नाबालिगों से दुष्कर्म की वारदातें लगातार बढ़ रही है। इन्हें रोकने के कोई इंतजाम सरकार के पास नहीं है।
हाल ही में मंदसौर में 8 साल की मासूम के साथ आरोपितों ने वहशियाना हरकत की थी। पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो दुष्कर्मी उसी दिन पकड़ा जाते, जिस दिन मासूम गायब हुई थी। इसके पहले भी प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर नाबालिगों के साथ दुष्कर्म की कई वारदातें हो चुकी हैं। हर वारदात के बाद सरकार इंतजाम दुरुस्त करने का दावा करती है लेकिन होता कुछ नहीं। याचिका में मंदसौर दुष्कर्म कांड की पीड़िता को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए उसे दिल्ली एम्स शिफ्ट करने की भी मांग थी, लेकिन याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि मासूम का इलाज एमवायएच में चल रहा है और उसकी हालत बेहतर हैव । इसलिए अब उसे एम्स शिफ्ट करने की जरूरत नहीं।