Edited By Jagdev Singh, Updated: 06 Nov, 2019 01:03 PM
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश को होर्डिंग्स और बैनर मुक्त कराने के लिए लाख जतन कर ले, लेकिन आर्थिक राजधानी इंदौर में बिना पोस्टर बैनर के नेताओं को राजनीति अच्छी नहीं लगती है। इसी का परिणाम है कि स्वयं सीएम के निर्देश के बावजूद उनके मंत्री...
इंदौर (अभिषेक मेहरा): मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश को होर्डिंग्स और बैनर मुक्त कराने के लिए लाख जतन कर ले, लेकिन आर्थिक राजधानी इंदौर में बिना पोस्टर बैनर के नेताओं को राजनीति अच्छी नहीं लगती है। इसी का परिणाम है कि स्वयं सीएम के निर्देश के बावजूद उनके मंत्री आदेश की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
मंगलवार को मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट का जन्मदिन था। इसी के चलते उनके समर्थक अपनी खुशी का इजहार नियमों के विरुद्ध करते नजर आ रहे थे। इंदौर में तो मंत्री के रेसीडेंसी क्षेत्र में स्थित सरकारी आवास को जन्मदिन की बधाइयों के होर्डिंग्स और बैनर से पाट दिया गया था। इस बात की जानकारी जैसे ही नगर निगम को लगी वैसे ही उन्हें हटाने के लिए निगम ने कवायद शुरू कर दी।
वहीं निगम बीते 3 दिनों से होर्डिंग्स हटाने के लिए प्रयासरत है, लेकिन मंत्री समर्थक निगम अधिकारियों से विवाद पर उतारू हो जाते है। मंगलवार को एक बार फिर निगम ने नियमों का हवाला देकर होर्डिंग्स हटाने का प्रयास किया। इस दौरान मंत्री सिलावट के भतीजे और समर्थकों ने निगम उपायुक्त महेंद्र सिंह से तीखी बहस की। वहीं मीडिया कर्मियों को भी कवरेज करने से रोका। ऐसे में कहना लाजमी होगा कि नियम कायदों और आदेशों का पाठ पढ़ाने वाले मंत्री जी अपने ही मुखिया के आदेश का पालन अपने समर्थकों से करवाने में असफल साबित हो रहे हैं।
वहीं सार्वजनिक स्थानों पर अवैध होर्डिंग्स और बैनर को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं यदि उनका स्वयं का पोस्टर भी हो तो हटा दिया जाए। वहीं पोस्टर को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भी स्वीकार किया कि नेताओं को अपने कर्मों से पहचान बनानी चाहिए। इसलिए वह बैनर पोस्टर के खिलाफ हैं।