Edited By Prashar, Updated: 31 Jul, 2018 01:12 PM
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक वैधानिक प्रश्न उठाते हुए सरकार से पूछा है कि क्या धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनने के बाद भी कोई महिला अजा-अजजा की हैसियत का दावा कर लाभ उठा सकती है। जस्टिस एसके पालो की एकल पीठ ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है।
जबलपुर : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक वैधानिक प्रश्न उठाते हुए सरकार से पूछा है कि क्या धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनने के बाद भी कोई महिला अजा-अजजा की हैसियत का दावा कर लाभ उठा सकती है। जस्टिस एसके पालो की एकल पीठ ने इस पर सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने महिला द्वारा एक युवक पर अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज आपराधिक प्रकरण पर रोक लगा दी। पीड़ित युवक ने दायर याचिका में यह मामला कोर्ट के सामने रखा है।
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता अनुसूचित जनजाति की महिला ने एक मुस्लिम से शादी की और मुस्लिम धर्म अपनाया। उसके दो पुत्र हैं। पति की मृत्यु के बाद राशन कार्ड में भी अपना और बच्चों का नाम मुस्लिम धर्म का लिखवाया है। उसने युवक पर जातिगत रूप से अपमान करने का मामला दर्ज कराया है। मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने पूछा कि ऐसी स्थिति में क्या महिला द्वारा दर्ज अपराध सही है या नहीं।