Edited By suman, Updated: 09 Nov, 2018 12:46 PM
जिस तरह भाई-बहनों के त्योहार रक्षा बंधन का विशेष महत्व है, उसी तरह भाई दूज का भी अपना महत्व है। इस दिन बहनें भाई की लंबी आयु और उनके स्वास्थ्य की मंगल कामना का व्रत रखती हैं। भाई-दूज पर देश में अलग-अलग तरह की प्रथाएं हैं। वहीं मध्यप्रदेश के डिंडौरी...
भोपाल: जिस तरह भाई-बहनों के त्योहार रक्षा बंधन का विशेष महत्व है, उसी तरह भाई दूज का भी अपना महत्व है। इस दिन बहनें भाई की लंबी आयु और उनके स्वास्थ्य की मंगल कामना का व्रत रखती हैं। भाई-दूज पर देश में अलग-अलग तरह की प्रथाएं हैं। वहीं मध्यप्रदेश के डिंडौरी में भाई-दूज पर शक्कर माला पहनाकर त्योहार मनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में यह परंपरा अधिक प्रचलित है।
भाई-दूज के साथ ही होली पर भी ये मालाएं बाजार में बिकती हैं। भाई-दूज से चार-पांच दिन पहले ये मालाएं बाजार में सज जाती हैं। वहीं भाई-दूज के मौके पर बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर शक्कर माला इस उद्देश्य से उनकी कलाईयों पर बांधती है कि जीवनभर उनके रिश्ते में मिठास बनी रहे। वहीं, लोगों का ऐसा मानना है कि होली के दिन माला देकर गुलाल का टीका लगाने से आपसी प्रेम-व्यवहार बढ़ता है। साथ ही रिश्ते और अधिक मजबूत होते हैं। भाई दूज के दिन बहनों को भाई के माथे पर टीका लगा उसकी लंबी उम्र की कामना करनी चाहिए। इस दिन सुबह पहले स्नान करके विष्णु और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इसके उपरांत भाई को तिलक लगाना चाहिए। इस दिन भाई को बहन के घर जाकर भोजन करना चाहिए।