Edited By suman, Updated: 04 Aug, 2018 11:01 AM
शहर में कुपोषण ने दस्तक दी है। सरकार भले ही आंगनबाड़ी केंद्रों के भरोसे बैठी रहे लेकिन यहां ग्वालियर में शुक्रवार को न्यूट्रिशन एंड री-हेबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) थाटीपुर में 5 बच्चों कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया है,इनमें दो बच्चे सेवानगर और...
ग्वालियर : शहर में कुपोषण ने दस्तक दी है। सरकार भले ही आंगनबाड़ी केंद्रों के भरोसे बैठी रहे लेकिन यहां ग्वालियर में न्यूट्रिशन एंड री-हेबिलिटेशन सेंटर (एनआरसी) थाटीपुर में 5 बच्चों कुपोषित बच्चों को भर्ती कराया गया है,इनमें दो बच्चे सेवानगर और जलालपुर के सामने आए हैं। एक 10 माह के बच्चा इतना कुपोषित है कि जो वजन उसका तीन महीने की उम्र में होना चाहिए था,वह इस उम्र में है। दो माह पहले ही हजीरा में कुपोषण का अलार्म बजा था लेकिन स्थानीय अफसरों की नींद तब भी नहीं टूटी। सभी कुपोषित बच्चों की एनआरसी में देखरेख की जा रही है।
कुपोषण का मामला मई 2018 में हजीरा के मल्लगढ़ा में भी सामने आया था। यहां डेढ़ साल पहले दो बच्चों की मौत कुपोषण के कारण होना बताई गई थी। यहां से वंश सहित दूसरे बच्चों को थाटीपुर स्थित एनआरसी सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां आदिवासी बस्ती के लोगों का कहना था कि क्षेत्र में एक ही आंगनबाड़ी केंद्र है, जो बंद रहता है और कुपोषण लगातार बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। इस मामले में काफी हंगामा हुआ और इसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वहां परीक्षण शुरू किया। सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और जो अति कम वजन के बच्चे थे उन्हें एनआरसी सेंटर रेफर किया गया।